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मै लड़की हु इसलिए
मै लड़की हु इसलिए मुझे रोका टोका जाता है, मुझे हर बार समझाया जाता है ये मत करो वो मत करो ।क्यू गलत हमेशा एक मासूम लड़की हि होती है, लड़को को तो कोई कुछ नहीं कहता । हर बार मुझे हि क्यू ताने दिये जाते हैं मुझे हि अपने सपने नही पूरे करने दिये जाते हैं समाज की नज़रो मे तो लड़की होना हि गुनाह है ऐसा क्यू होता हैं । सपने मेरे भी है इंसान मै भी हु ,तो क्यू मुझे मेरा हक नही दिया जाता हैं । मै लड़की हु इसलिए मुझे पराया धन बताया जाता है ये भी कहा जाता है की तुम एक चिड़िया हो कुछ वर्ष बाद तुम्हरा दाना पानी कही और होगा तो क्यू ये नही बताया जाता है की एक चिड़िया का पुरा आसमान होता है । क्यू हम लड़कियो के पंख उड़ने से पहले हि कुतर दिये जाते हैं । हम लड़कियो को तो खुद के घरवाले भी नही समझते तो उम्मीद हि क्या कर सकते है इस दुनिया से, दो घर होते है हमारे रहने को पर कहने को एक घर नही होता हमारा सब कहते गई तुम पराई हो क्या हम किसी के अपने नहीं होते न रोने दिया जाता हैं खुल के और न हसने दिया जाता हैं इस कद्र तड़पाया जाता है । दर्द हमारे पास भी कम नहीं, अपना दर्द हम कहते नही इसका मतलब ये नही की परेशानिया हमारे पास नही है ।
महीने के सात दिन दर्द से करार रहे होते है हम, और लोग कहते हैं ये तो आम बात है ,तो क्यू इस छोटी सी बात का पतंगड़ बना रही हो। उन्हे कौन बताये की यह आम बात नही एक बार भी तुम महसूस किये नही हो इस दर्द को तो तुम क्या जानो। कहना तो आसान है मगर इसका दर्द झेलना मुश्किल है । मै लड़की हु इसलिए मुझे सब कुछ सहना पड़ता है, बिना हिचकिचाए कभी खुद को हमारे जगह पे रख के देखो एक दिन भी नही रह पाओगे । जिस तरह हम घुट घुट के जीते है, तुम एक दिन मे मर जाओगे और वही जिंदगी हम जन्म से लेकर मरने तक हम वही जिंदगी जीते हिए हम जिन्दे होके भी नर्क मे रहते है । जिस्म जिंदा और रूह मरे हुए होते है । तुम क्या जानो एक लड़की का दर्द , वह अपने दर्द को भी हस के छिपाना बहुत अच्छे से जानती है । वो सब को अपना मानती है और सब उसे पराया समझते है । अपने दर्द को किसी से नही बांटती है , हर रोज मर मर के जीती है । कभी बन नही पाओगे हम जैसि लड़कियो के लिए हमदर्द । मै एक लड़की हु इसलिए मुझे पढ़ने नही दिया जाता है ,आगे बढ़ने नगी दिया जाता है, बस काम यही है हम लड़कियो के घर संभालना इसके सिवा हमे कुछ करने नही दिया जाता है । हमे रोटी बनाना सिखाया जाता है ,मगर कमाना नही। वाह रे जबाना क्या वसूल है तेरा हमे हमेशा दुसरो के पैसो पे उड़ना सिखाया जाता है । खुद के पैसे हमे कमाने नही दिये जाते है । जब एक लड़की अपने हक के लिए लड़ती है तब वह बिगड़ गई होती है । बस इसलिए क्युकी मै एक लड़की हु
© Goldi Singh