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एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त में।।
इस गाथा में यह बहुत महत्वपूर्ण बातें बाताई गाई है कि मृत्यु जीवन कर्मों के फल द्वारा ज्ञान से परिपूर्ण प्राप्त होता है ,आपके कर्मों द्वारा यह निर्णय लिया जाता है कि आप को क्या मिलेगा और क्या नहीं।।
यहां सब अपनी अपनी योनि में जीवन रूपी दंड काट रहे हैं और शायद काटते ही रहेंगे क्योंकि अगर मृत्यु है तो जीवन भी और नर्क है तभी धरा, स्वर्ग है तभी बैकुंठधाम भी है लेकिन आज तक काभी आपने ऐसा नही सुना होगा कि वो बैकुंठधाम मोक्षम् प्राप्ताह भवति यद्यपि रूहम् इच्छुकाह सा बैकुंठधाम फलम् मोक्षम् प्राप्त योग्यती भवति सा रूहम् सवयमा पूर्ण रूहम् समर्पिताह श्रीकृष्णनम् चरणा किंतु सा रूहम् कादामि समर्पिताह भवति यद्यपि सा एकाह कारणम् रूहम् कादामि बैकुंठधाम मुकछामि प्राप्ति भवति।।

इसलिए जन्म की कौन सी योनि किस श्राप द्वारा दी गई है आईए आपको दिखाते हैं, जो यक्ति अपने बड़े भाई का अपमान करता है , वो अगले जन्म में
कूंज नामक पंछी की योनि में जन्म लेता है, अपने सच्चे मित्र का अपमान करने वाला गधे की योनि में जन्म लेता है, मां बाप को कष्ट पहुंचाने वाली सनतान कछूए की योनि में जन्म लेती हैं।।
जो अपने मालिक का विश्वास तोड़ देता उसे बन्दर की योनि मिलती है, जो यक्ति अपनो से लिया हुआ धन वापस नहीं करता उसे कीड़े की योनि मिलती है, किसी का भी एहसान ना मानने वाला बिछू की योनि में जन्म लेता है।। चांदी चुराने वाला कबूतर बनता है तथा वस्त्र की चोरी करने वाला तोता बनता है, जो सुगंधित पदार्थ की चोरी करने वाला छूछन्दर बनता है, जो हत्या करता है उसे पहले 🐗गधे की योनि में प्रवेश दिया जाता है और फिर 🦌हिरन बनता है। और फिर वो मछली 🐟 बनता है। और फिर 🐶 फिर बाघ🦬 की योनि में जन्म लेता है।।
तथा जो अधिक बच्चों से मोह करता है वो सूअर की योनि में जन्म लेता है। और जो ज्यादा आपत्तिजनक क्रिया करता मलीन योनि में से निकल कर वैशया की योनि में जन्म लेने पड़ता है।।
और जो ज्यादा सत्रीयो पर अपना सानित्व प्राप्त करे जबरदस्ती करे वो किन्नर की योनि में जन्म लेता है।।
मनु हो या जानवर अपनी योनि में अपने श्राप होकर दूसरो के लिए शुभ कहे जाते हैं ये एक असंभव प्रेम गाथा अनन्त जहा प्रेम ना होकर के सिर्फ स्वार्थ है।।
#परीकछड।।
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