...

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BACHPAN KA VADA
THE END

वीडियो खत्म होने पर मानवी अपना आंसू पोछ कर शेखर को बुलाती है।लाइट ऑन होने पर शेखर हाथो में फूलों का

गुलदस्ता लेकर मानवी के सामने आता है और शेखर के पीछे अमन निशा और सिखा ख खड़े थे। मानवी के सामने आते ही

शेखर मानवी को फूल देते हुए बोलता है मैं फिर से माफी मांगता हूं क्या तुम मुझे एक और मौका दे सकती हो। मानवी शेखर से

बोलतीहैं वह सब क्या था। तो शेखर बोलता है मुझे समझ नहीं आ रहा था मैं तुमसे कैसे बात करूं इसलिए मैंने वीडियो सारी

बात कह दिया। अगर तुम्हें बुरा लगा हो तो प्लीज माफ कर देना तभी अमन शिखा और निशा बोलते हैं अब तुम गुस्सा छोड़ दो

और शेखर को माफ कर दोै ।शेखर ने जो किया है उसको उसका पछतावा है प्लीज तुम उसे माफ कर दो। मानवी शेखर के

हाथ से फ्लावर लेकर एक टेबल पर रखती है मानवी को ऐसे करते देखकर शेखर को लगता है कि मानवी ने माफ नहीं किया है

।तभी मनवी रोते हुए शेखर को गले लगा लेती है और बोलती है अगर फिर से तुमने ऐसा किया तो मैं तुम्हें कभी माफ नहीं

करूंगी और कोई भी मौका नहीं दूंगी । मानवी को गले लगाते देखकर शेखर बहुत खुश होता है और उसके आंखों में आंसू आ

जाता है और मानवी को कस के गले लगाता है और बोलता है मैं पागल हु जो मैं तुम्हारा दिल फिर से दिखाऊंगा ।तभी मानवी

शेखर को आई लव यू कहती है शेखर भी उसे आई लव यू सो मच कहता है ।दोनो को ऐसे देखत कर अमन निशा और सीखा

तीनो बहुत कुछ होते है और दोनो को टीस करते हुए बोलते है हमलोग अभी यही है ।मानवी शेखर वे लोग का बात सुकर एक

दूसरे से अलग होते हैं। तभी शेखर मानवी का हाथ पकड़ उन तीनो से बोलता है थैंक्यू मेरी मदद करने के लिए अगर तुमलोग

नही होते तो मैं मानवी को कभी भी नही माना पता ।शेखर का बात सुनकर बोलती अमन बोलता है थैंक्यू मैं काम नही चलेगा

हमलोगो को पार्टी चाहिए तो शेखर बोलता है जरूर बोलो कब चाहिए तो तीनो एक साथ बोलते है आज शाम को को शेखर

बोलता है ठीक है। फिर मानवी शेखर एक दूसरे को प्यार से देखने लग ते है ।तभी अमन भी सीखा का हाथ पकड़ लेता है

सीखा अमन को ऐसे करते देख कर बोलती है ये क्या कर रहे हो तो अमन बोलता वही कर रहा हु जो एक ब्वॉयफ्रेंड अपनी

गर्लफ्रेंड के साथ करता है ।सीखा अमन को धीरे से करते करते हुए बोलती है चुप रहो । निशा दोनो कपल को देखकर मन

बोलती है मुझे आरव की अभी बहुत याद आ रहा है तभी आरव का मैसेज आता है आरव का मैसेज देखते ही निशा बहुत खुश

हो जाती है ।

(फिर तीन शाल बाद) मानवी एक जगह चलते हुए बोलती है हमलोग अब ग्रेजुएट हो चुके है अमन और सीखा ने शादी कर ली

है और अनलोगो का प्यार अभी तक पहले जैसा है ।मेरी बहन अब आरव को आज एयरपोर्ट से पिकअप करने जा रही है

आरव अब अपना स्टडी कंप्लीट करके हमेशा के लिए निशा के पास आ रहा । निशा और आरव के रिलेशन की बात हमारे

पैरेंट्स को पता चल गया है पहले तो हमारे पैरेंट्स नही माने लेकिन आरव की मां और पिता ने हमारे पैरेंट्स से मिलकर बात

की अच्छे फैमिली और निशा के लिए प्यार देखकर हमारे पैरेंट्स निशा और आरव को रिलेशन को एक्सेप्ट कर लिया। यही

हमारी कहानी तो शेखर एक महीने पहले ही अपने पैरेंट्स के पास गया। शेखर ने अपने पापा से अपने करीरक बारे मैं बात की

और अपने काम को अच्छे से अपने पिता को समझाया ।शेखर का काम को देखकर शेखर के पापा ने कहा टिक है जो तुम्हे

करना है करो अगर तुम्हे इस काम को करके खुशी मिलती है तो तूम कर सकते हो ।अगर तुम कोही प्रोब्लम होगा तो तुम मुझे

बेझिझक मदद मांग सकते हो ।शेखर अपने पिता का बात सुनकर मन मैं बोलता है मुझे लगा नही था की मेरी बात सुनकर

मुझे समझेंगे फिर अपने पिता से बोलता है थैंक्यू मुझे समझेंगे और से आपको निरसा का कोई भी मौका नही दुगा । तभी

मानवी को पीछे से कोई गले लगाता है। मानवी मुस्कराते हुए पीछे देखती है तो वो शेखर को बोलती है तुम कब आए। तो

शेखर बोलता कुछ देर पहले । तो मानवी बोलती है तुमने मुझे बताया क्यू नही ।तो शेखर बोलता क्युकी मैं तुम सप्राइज देना

चाहता था ।लेकिन तुमने मुझे पाचन लिया ।तभी शेखर बोलता है मुझे तुम्हे एक खुशखबरी देनी है। तो मानवी बोलती है क्या

है ।तो शेखर बोलता है मेरे पैरेंट्स अभी तुम्हारे पैरेंट्स से बात कर रहे हैं ।ो मानवी हैरान होते हुए बोलती क्या तुम्हारे पैरेंट्स

अभी मेरे घर और तुम्हे ये खुशी की बात लग रही है ।मैं अभी हमारे बारे मैं अपने पैरेंट्स से बात भी की है ।तो शेखर बोलता है

टेंशन मत लो क्युकी हमारे हो पापा है वो लोग बचपन से एक दूसरे को जानते है । तो मानवी बोलती है लेकिन तुम्हे कैसे पता ।

तो शेखर बोलता जब मैं अपना काम कर था तो मेरे पापा अपने दोस्त के लड़की का फोटो देकर बोलते है मैने तुम्हारे लिए

अपनी दोस्त का लड़की को पसंद किया है ।जैसे मैं मना करें वाला था मैं तुम्हारी फोटो देखी तो में समझ गया की हमारे पापा

एक दूसरे को बचपन से जानते है । तभी शेखर घुटनों में बैठकर अंगूठी निकाल कर मानवी को प्रपोज करता है और मन से

कहता है अब हमारा बचपन का वादा को पूरा करने का टाइम आ गया है क्या तुम मुझसे शादी करोगी। मानवी खुश होते हुए

हाथ आगे बढ़कर बोलती है जरूर। फिर शेखरे मानवी के हाथ में अंगूठी पहन देता है और एक दूसरे को गले लगा लेते हैं और

मानवी मन में बोलती है यह था हमारी कहानी हमारा बचपन का वादा।।।।

।।।। समाप्त ।।।।

मैं आशा करती हूं आपको यह कहानी अच्छी लगी होगी प्लीज मेरे कहानी को लाइक करें 🥺🙏😍😍😍😊😊

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© Mahiwriter