मैं भी प्यारा
मैं वो सहायक किरदार हूँ जिसके होने ना होने से तनिक मात्र असर नहीं होता। मैं ख़ुद से ही अनुमानित हूँ कि मैं हूँ तो ये सब है, पर वस्विकता तब दिखती है जब आपके रहने न रहने से कुछ फ़र्क न पड़े। या शायद आप गड़ने लगे, मैं अलग रहना कभी नहीं चाहा मुझे परिवार, मुझे लोगों से घिराह् रहना बेहद पसंद है, पर न जाने क्यों या मेरी लापरवाही मुझे ये करने से रोक रही। मैं अकेले रहने पर विवस् हो गया। नफ़रत जब आपके हिस्से में हो तो प्यार कम ही मिलता है। और मैं वहीं हूँ। अब अकेले में खुद को सुरक्षित और खुश देखता हूँ! साथ वो चार दीवारे मुझे बेहद प्रिये है जिनके मेरे परारूप से फर्क नही पड़ता, मैं अपने गंदे से आवाज में दिल खोल कर गाता हूँ! ना कोई रोकने...