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अधूरी कहानी
आज घर मे खाना बनाते बनाते अचानक मुझे मेरा प्यारा की हद आ गई उसके ख्यालों मे मे खो कर सोच ही रही थी
लेकिन फिर कहा खुद को समझाते हुए जरूरी नही होता की सब अच्छे ही होते है

लेकिन उसके जाने से मेरी जिन्दगी का प्यार के मज़ाक बना कर गया वह खुशी है इस बात की एक बार मिलने की चाह थी अधूरी रह कुछ कहानी का आधूरा रहना भी अच्छा ही होता है

उसके इस तरह मुझ से दूर चले जाना बहुत रुला रही थी


मेरी फेस्ट crush जिसका नाम राम था उसकी याद आ गई

प्यार क्या होता है ये सब तो मे नही जानती थीं लेकिन मुझे अच्छा लगता था वो बहुत अच्छा
मेरे घर के सामने वाले घर मे वह रहता था हमे कुछ हि दिन हुए थे मेरे घर सामने उसका घर था उसको मैं जानती भी नहीं थी फिर भी अक्सर बालकनी पर जाया करती थी

एक दिन अचानक मेरी नजर और उसकी नजर मुझ पे पड़ी तभी एक मेरे दिल मे उसके लिए आकर्षण का भाव आ गया

कभी डर के कारण उसको ठीक से देख भी नही पाई यो घंटों मेरा इंतजार किया करता था मे भी बालकनी मे उसका इंतजार करती थी प्यार हुआ था की नही पता नही लेकिन उसकी आदत हो गई थी
लेकिन मे सच मे बहुत डरती थी उस टाइम मे समाज से बहुत बहुत डरती थी इस कारण उसे कभी ठीक से देख भी नही पाई

मेरा बालकनी मे उसके लिए जाना बिल्कुल उस गाने की की स्टोरी की तरह था जो गाना कुछ ऐसा है (में तुझ से हि छुप छुप के तेरी आहे भरती हु तेरी दिल कि गलियों से एसा कुछ गाना था)

5-6 महीने इसी तरह एक दूसरे को देखते देखते बालकनी मे इंतजार करते करते बीते गए एक दिन उसने नंबर के लिए कहा मे सोच ही रही थी की केसे दूंगी नंबर उसे टाइम हम लोग छत पर सोया करते थे तो रात को करीब 1:00 बज रहे होंगे जबकि मैं भी छत पर थी और वह भी मेरे इंतजार में छत पर था उसने नंबर देने को कहा खुद भी अपना नंबर देने का ट्राई किया बहुत कोशिश की लेकिन अंधेरे की वजह से उसका इशारा मैं नहीं समझ पाए थे फिर उसका नंबर देने का ही अंदाज बहुत अच्छा लगा उसने एक कागज पर नंबर को लेकर उससे बहुत ज्यादा हाईलाइट किया हुआ था फिर उसने अपने फोन की लाइफ जला मुझे अपने नंबर दिया

फिर थोड़ा बहुत फोन पर बातें हुई फिर मैंने कभी कॉल नहीं किया उसे बात करने के बाद में हर टाइम में ब्लॉक लिस्ट में ही रखते थे उसने बहुत बार मिलने को कहा लेकिन मैं कहीं ना कहीं समाज के परिवार के दर से एक बार भी नहीं मिल पाई मेरा बालकनी पर हमेशा इंतजार किया करता था थोड़ा पागलपंती क्या करता था उसका घंटे में मुझे देखना मुझे डर लग रहा था किसको देखना ले
हां लेकिन अच्छा था पर एक महीने ही बात हुआ होगा शायद उसके बाद वह सब कुछ दिनों के लिए अपने अपने घर चला गया था उस बीच में हमने भी अपना रूम चेंज कर दिया फिर कभी नहीं मिली बात नंबर याद था मुझको भूल गई मै

उसके पास उसके बाद लाइफ में एक शख्स आया था बातों से मैं प्रभावित हो गई थी उसकी दुनिया से सबसे अच्छा लड़का मारा था बहुत प्यार किया था
मैंने उससे बहुत वैसे तो मुझे बहुत दूर था
परिवार के डर से मैं भी शिद्दत से रिश्ता नहीं निभा सके लेकिन धोखा नहीं दिया मैंने उससे जितना मैं कर सकती थी मैंने किया है
रोई भी बहुत हो उसके हर बात मानी है कृष्ण जी छोड़कर मत जाना मुझे अक्सर कहा करती थी

उससे उसकी गुस्साअकड़ सब सहा है मैंने बस खोने से डरते थे प्यार करने लगी थी
मैं उसको के लायक ही नहीं थी मैंने कहा था ठीक है मुझसे प्यार मत करना कभी-कभी बात कर लिया करना फिर भी चला गया वह छोड़ के
मेरी डायरी खो गई थी तो उसने मुझे समझाया था डायरी के कोने पर बहुत तड़पी थी बहुत रोई थी
मैं फिर भी उसे छोड़कर चला गया मुझे प्यार करती थी उससे मेरे प्यार में जो भी कमी थी ना बस परिवार का डर था लेकिन मुझे अपनी लाइफ कभी रिस्पेक्ट नहीं दी और इज्जत नहीं किया जब चला गया वह जिंदगी से दूर मेरे
तब एक बात समझ में आई प्यार कभी-कभी अधूरा होता है ना तो भी अच्छा होता है कम से कम उसकी अच्छी यादों के जुदा होते हैं
लेकिन कई बार प्यार हद से ज्यादा होता है ना तो खुद से नफरत करने पर मजबूर हो जाया करते हैं इसलिए अधूरी मोहब्बत ही सही है

© dolly jha