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नारी जगत का होता अपमान........
नारी के ऊपर बनने वाले अभद्र गाने बनना बंद हों , तभी हम सच में एक सभ्य समाज का निर्माण कर सकते हैं

कुछ कुछ सिंगरो ने तो नारी की तुलना शराब और न जाने किस किस चीज से कर दी .....

दुख तो तब होता है , जब हम उन सिंगरों को सम्मान देते हैं जबकि उनका बड़े स्तर पर विरोध होना चाहिए , उन्हें समाज से निकाल देना चाहिए , एक सजा का भी प्रावधान हो ताकि ये ऐसा दुस्साहस न कर सके , ताकि नारी समाज नीचे न गिरता जाए ।

इसमें भी कुछ जाहिल लोग डेमोक्रेसी की दुहाई देने लगेंगे तो उन जाहिल लोगों से मैं कहना चाहता हूं कि पहले डेमोक्रेसी का मतलब जान लें किसी का अपमान करना डेमोक्रेसी नहीं है

ये कैसी विडंबना है एक तरफ तो हम लोगों के दिमाग में नारी समाज की गलत छाया बना रहे हैं और दूसरी तरफ नारी सशक्तिकरण की दुहाई दे रहे हैं .........

ये मुहिम केसे सफल हो सकती है , जब बचपन में ही बच्चों के दिमाग में ऐसे बीज बो दिए जाते हैं , जिनमे नारी का अपमान हो , और फिर जब बच्चे बड़े होते हैं तो ये वही करते हैं जो इनके अंदर बोया है , आए दिन नारी का अपमान........

यह बात तब और भी भयावह हो जाती है , जब लोगो के दिमाग में ये चीज इस तरह घर कर लेती है कि इन्हें पता ही नही होता कि कब इनसे नारी का अपमान हुआ क्योंकि इन्होंने इसे अपनी जिंदगी का हिस्सा ही बना लिया है .......

अगर सच में नारी जगत को सशक्त बनाना चाहते हो तो हमें इसकी जड़ पर चोट करनी होगी
जितनी भी हमारे दिमाग में नारी के प्रति अभद्र बाते हैं उनको मिटाना होगा , तभी नारीसशक्तिकरण हो सकता है नहीं तो ये सब व्यर्थ की बाते बन कर रह जायेंगी .............



© @herry