...

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प्रेम निष्ठा (अंश-1)
हर दिन एक ही ख्याल आता है न जाने इस दुनिया में कब तक कोंन रहे और कोंन आधे रास्ते छोड़ आगे बढ़ जाये,खेर छोड़ो बात तो कुछ और ही है।
बैठो तो हमेशा एक ही ख्याल आये, कुछ पाने की होड़ लगी है इस दुनिया में सबको, मानो भागते जा रहे हो इस भीड़ में सभी और शायद मैं भी।
आज बहुत दिनों बाद...
मैं बैठी कुछ खुद के साथ तो कुछ उन यादों के साथ जब वो भी मेरी जिंदगी का हिस्सा हुआ करता था।
वो जो मेरा दोस्त था। न जाने कैसे मिल गए थे हम, एक दिन वो अपने दोस्त संग मिला जब मैं उसे जानती भी न थी, खैर वो भी कहा मुझे जानता था। मैं अपनी दोस्त संग दोनों अन्जान से बस एक शोरूम पर बैठे थे। वो भी अपने दोस्त संग शोरूम मे आया नज़र मिली मगर अनजान थे तो अनदेखा किया कुछ देर बाद वो बिलिंग काउंटर पर आये और हम भी वहा बिलिंग कराने पहुंचे। हमें देखते ही वो थोड़ा जगह बनाने लगे हमारे वहां आने के लिए, चेहरे पर मुस्कान आ गयी मेरे मानो शुक्रिया अदा कर रही हो वो समझ कर मुस्कान का जवाब मुस्कान से दे बैठे। तब हमने बिलिंग करवा कर शोरूम से बाहर निकले तो देखा मेरा स्क्रफ गलती से शोरूम में रह गया पीछे मुड़ कर देखा तो वो मेरा स्क्रफ लिए मेरे पीछे खड़ा था उसने कहा आपका है ये स्क्रफ शायद आप भूल गयी थी। मैने कहा हां मैं इसी को ढूंढ रही थी मेने थैंक्स कहा और फिर नज़रे मिली तब कुछ देर चेहरे पर नज़र टिका कर निहारा मगर फिर महसूस हुआ कही मै कुछ देर सब भूल कर खो गयी थी। बस फिर याद किया की मै यहाँ भटक रही हूँ। क्या करती मगर मन भी थोड़ा लापरवाह हो गया था। कुछ देर मेरी सहेली जिसका नाम निशा था वो कहने लगी बस अब चले या आज यही खोई रहोगी मैडम। हम दोनों दो कदम चले ही थे की पीछे से आवाज आयी "excuse me" देखा तो वो फिर वही था तब मन में थोड़ा शक हुआ फिर भी मेने पूछा "यस " उसने कहा मैं इस जगह नया हु मीन्स मै बेंगोली हूँ और यहाँ घूमने आया हु। इस बड़ी सी मार्किट में कहा कोन सी शॉप है मुझे कुछ पता नही है बस कुछ मदद मिल जाती तो अच्छा होता। क्या आप मेरी थोड़ी हेल्प करोगे मैंने उसे कुछ शॉप्स के बारे में बताया और अपनी दोस्त के साथ आगे बढ़ी कहने को तो मैं निशा के साथ थी मगर कहीं खोई हुई थी। की वो कोई बुरा इंसान तो नही है या फिर सच में बस शॉप्स के बारे में ही पूछ रहा था ढेरों सवालों से घिरी मै आगे बढ़ी तो देखा अब मार्केट मे दो घण्टे बीत गये थे और बहुत तेज भूख भी लगी थी बस मैं और निशा अब कुछ अच्छा खाने की तलाश मे मार्किट से निकल कर एक इंडियन फूड रेस्टोरेंट मे गये देखा तो वो वहीं बैठा था अपने दोस्त के साथ उसने मुझे हए किया। मै जो कभी किसी लड़के से ज्यादा बात नही करती थी फ़ौरन हाथ उठाये हए कर दिया निशा ने मुझे देखा बड़े गौर से कि सच में ये उसकी वही सहेली है जो लड़को से कोसो दूर भागती थी आज हए कर रही है। हम दोनों उनके टेबल पर जाकर रुके ही थे कि मैंने सवाल किया क्या शॉप्स मिली आपको... उसने कहा जरूर और हमने वहा से अपने लिए बहुत कुछ खरीदा भी शुक्रिया आपका। मेने मुस्कान दी और कहा "इंजॉय योर फ़ूड" हमें रोकते हुए उसने फिर कहा हमारी टेबल पर अभी दो लोग और बैठ सकते है और यहाँ बाकि कोई टेबल खाली भी नहीं है आप को कोई दिक्कत न हो तो आप यहाँ बैठ सकते हो। इधर उधर नज़र गयी तो देखा सच में कोई टेबल खाली न थी। तो हमने भी सोचा कि बैठना ही ठीक होगा। हम दोनों सहेलियां उसी टेबल पर बैठ गयी। अब सवाल ये था की हम आपस में भी बात नहीं कर रहे थे और एक दूसरे से भी चारो मानो चुप चाप बैठे हुए नज़रे चुरा रहे थे। तभी उसने सवाल पूछा की हम एक दूसरे का नाम जान सकते है मैने कहा क्यों नहीं हम सब अपना-अपना इंट्रो देते है। तो शुरुआत उसने की कहा मेरा नाम प्रेम है फिर उसके दोस्त ने अपना नाम बताया की मै अर्श फिर मैने बताया मेरे नाम निष्ठा है और फिर निशा ने अपना नाम बताया अब इंट्रो तो हो गया मगर भूख भी जोरों की लगी थी। मेने कहा की अब कुछ खाने के लिए मंगवाया जाए सबने सर हिला कर हामी भरी। अर्ष ने कहा की आप लोग क्या खाएंगे मैं आर्डर करके आता हूँ निशा ने कहा हा मै भी साथ में चलती हु वो दोनों आर्डर देने चले गये अब सामने हम दोनों बैठे फ़ोन मे कुछ न करते हुए भी मानो नाटक कर रहे हो, कि कितने बिजी हो। मगर अब कुछ देर बीत गये थे और निशा अर्श वापस नहीं आये तो प्रेम उनसे पूछने गये की क्या हुआ वापस आने मे इतनी देरी क्यों... वो वहा पंहुचा तो देखा बहुत भीड़ थी शायद छुट्टी का दिन था तो लोग भी ज्यादा आये हुए थे। अर्ष ने प्रेम से कहा की वो थोडा इंतज़ार करे, वो वापस आया तो मेने भी सवाल किया क्या हुआ इतनी देर क्यों लग रही है उन्हें, तब उसने कहा कि वहा बहुत भीड़ है तो मैने जवाब दिया छुट्टी के दिन अक्सर यहाँ बहुत भीड़ होती है तब उसने भी कहा मुझे लगा शायद लोग यहाँ आना ज्यादा पसंद करते है। मेने कहा दिल्ली के लोगो को जगह कोई भी हो बस एन्जॉय करना अच्छा लगता है, अपनों के साथ। अब सवालों का सिलसिला शुरू हो गया था हम दोनों के बीच में
To be continued...
#premnistha#Shweta