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एक भोला लड़का
पिछले भाग से निरंतर...


वक्त बीतता गया वो अभी भी अथक परिश्रम में लगा था अपने सपनों को पूरा करने में, पर कहते हैं की भाग्य मेहनत से दो कदम आगे चलता है। शायद ऐसा ही कुछ चल रहा था उसके संघर्षमयी जीवन में। पर वो भी कहाँ रुकने वाला और वक्त आ गया परीक्षा की घड़ी। अपने अतीत और भविष्य को याद करते हुए उसने अपने जीवन की पहली परीक्षा एनडीए की दी। चूंकि अब कोचिंग से भी पढ़ाई का जो निर्धारित समय था वो भी लगभग पूर्ण होने को आया लगभग 6 माह बाद वह वापस अपने गाँव आ गया। परीक्षा का परिणाम आया बड़ी उत्सुकता से रिजल्ट देखा पर ये क्या उसका नाम मेरिट लिस्ट कम नंबर की वजह से नहीं आया। हालांकि मयंक के नंबर बुरे नहीं थे पर जनरल केटेगरी में होने के कारण वह मेरिट लिस्ट से बाहर था। जीवन की पहली असफलता। घरवालों ने समझाया कोई बात नहीं अभी तो उम्र ही क्या है फिर से तैयारी करो तुम पास हो जाओगे। संयोग वश मयंक अगली बार ...


निरंतर पढ़िये अगले लेख में।
पढ़ने के लिए धन्यवाद।
© Mr. Busy