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गुलाब 🌹
'गुलाब' का नाम लेते ही हमारा ध्यान जाता है एक लाल गुलाब की तरफ़ जिसे अक्सर मोहब्बत का प्रतीक माना जाता है। कितनी बार ही हमने फिल्मों में देखा है एक महबूब को लाल गुलाब के सहारे अपनी महबूबा से इश्क़ का इज़हार करते हुए। मगर गुलाब का इस्तेमाल सिर्फ़ मोहब्बत के लिए नहीं पूजा में ईश्वर को अर्पित करने के लिए भी होता है तभी इनकी माँग दिवाली के समय बहुत बढ़ जाती है। पूजा में गुलाब के फूलों से घर का माहौल सुंगधित और सकरात्मक भी हो जाता है।

पिछली दिवाली रूपा ने दिवाली पूजन के साथ-साथ रंगोली में भी गुलाब के फूल इस्तेमाल करने की योजना बनाई थी। मगर वह योजना धरी की धरी रह गई क्योंकि जब वह रंगोली बनाने के लिए बैठी तो उसे याद आया कि वह अपना चश्मा पहनना तो भूल ही गई है। जैसे ही वह चश्मा लाने के लिए अंदर कमरे में गई तो देखा कमरे में एक खोपड़ी रखी हुई थी जिसके ऊपर एक मोमबत्ती जल रही थी।

यह देखकर उसके पैरों तले ज़मीन खिसक गई और वह समझ गई कि किसी ने ज़रूर कुछ जादू टोना किया है क्योंकि दिवाली हमेशा अमावस्या की रात आती है और उस दिन इस प्रकार के टोने टोटके बहुत किए जाते हैं जो कि बहुत गलत है। बस, फ़िर रूपा का दिमाग रंगोली बनाने से हटकर यह जानने की कोशिश करने में लग गया कि यह सब किया किसने है और खामोशी से वह यह गुत्थी सुलझाने के लिए गहरी सोच में डूब गई।

©️ विभा जैन

PS : यह कहानी मैंने एक प्रतियोगिता के लिए लिखी थी जिसमें कुछ नियम और शब्दों का इस्तेमाल करके ही लिखना था। मुझे इस प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ था।