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बड़ो का कहना
चम्पक खरखोश हर समय उछल कूद मे मस्त रहता था । उसकी यह आदत उसके दादा प्यारे लाल को बहुत बुरी लगती थी ।वह अक्सर उसे समझाते थे । लेकिन जब भी दादा जी उसे कुछ कहते तो चम्पक की माँ शीला दादा जी को कहती. .

शीला: -पिता जी ,अभी यह छोटा बच्चा है जैसे बड़ा होगा सब कुछ समझ जायेगा ।

प्यारेलाल: -ये तो मुझे भी पता है बहु, लेकिन यह और बच्चों से ज्यादा शरारत करता है । मुझे तो यह डर है कि कहीं ये किसी बड़ी मुसीबत मे ना फंस जाये

लेकिन उस बूढ़े की बात कौन माने ,अक्सर घर परिवार मे ऐसा ही होता है । हम अपने बड़ो के यह कहकर चुप करवा देते है कि आपको क्या पता नए जमाने का ,आप ठहरे पुराने जमाने के

समय बीतता गया अब चम्पक बड़ा हो चुका था । चम्पक के दादा जी अब काफी बूढ़े हो चुके थे । अब चम्पक दोस्तों के साथ देर रात को आने लगा । एक दिन वह काफी देर से आया तो उसके दादा जी ने चम्पक के पिता गोलू खरखोश को अपने पास बुलाया ।

चम्पक के पिता एक सीधे साधे व सरल खरखोश है ।उनके इसी भोलेपन का फायदा चम्पक व शीला उठाते थे ।प्यारेलाल गोलू को बोले...

प्यारेलाल:-बेटा गोलू ,तेरी बीबी व तेरा बेटा तो मेरी बात मानते नही है । तेरा बेटा चम्पक देर रात को घर आता है ।देख लेना उसकी वजह से एक दिन हम सब मारे जाएगे । इस जंगल मे बहुत ही खूंखार जानवर रहते है । यदि उनको हमारे घर का पता चल गया तो हम सब मारे जाएगे।

गोलू:-कोई बात नही पिता जी ,में अभी उन दोनों को बुला कर लाता हुँ आपके पास

गोलू वहाँ से चला जाता है कुछ समय बाद शीला व चम्पक गोलू के साथ दादा जी के पास आते है ।गोलू उन दोनों को बोला...

गोलू:-यह में क्या सुन रहा हुँ तुम दोनों पिता जी का कहना क्यों नही मानते हो?

उसके यह कहते ही शीला गुस्से मे बोली.....

शीला: -आप दोनों तो मेरे बेटे के पीछे ही पड़े हो यह अभी बच्चा है ।

प्यारेलाल:-अरे अब यह बड़ा हो गया कुछ जिम्मेदारी तो समझे ,देर रात तक यह घर के बाहर रहता हैं। कल को यदि कोई घटना हो गई तो तुम क्या करोगी ?

शीला: -यदि आप दोनों को हम बुरे लगते है तो हम चले जाते है इस घर से

प्यारेलाल:-मे तो सिर्फ समझा रहा हुँ इसे

शीला: -आप चिंता ना करे इसे कुछ नही होगा

शीला चम्पक को वहाँ से ले जाती है । दादा जी चुपचाप बिस्तर पर लेट जाते है । अपनी माँ का सहारा मिल जाने से चम्पक बहुत खुश था ।

समय गुजरता गया । चम्पक अब ओर देर से आने लगा । तभी एक दिन अचानक हररोज की तरह आज भी चम्पक अपनी मस्ती मे मग्न घर की तरफ आ रहा था । उस जगह कुछ शिकारियों ने डेरा डाल रखा था । उन शिकारियों के पास छ: शिकारी कुत्ते थे । चम्पक इस बात से अनजान मस्ती मे चला आ रहा था ।

तभी एक शिकारी कुत्ते ने कुछ हलचल महसूस की ।तभी उसकी नजर चम्पक पर पड़ी । वह दबे पाँव से चम्पक की तरफ बढ़ रहा था । जैसे ही वह चम्पक के पास पहुँचा चम्पक की नजर उस पर पड़ी । कुत्ते को देखकर उसके होश उड़ गये । अब वह जान बचाने के लिए भागने लगा । कुत्ता भी तेज गति से उसके पीछे दौड़ा ।

चम्पक भाग कर अपने घर के पास चिल्लाता हुआ आया । उसके चिल्लाने के आवाज़ सुनकर उसके पिता गोलू बाहर आये तो शिकारी कुत्ते ने चम्पक को ना पकड़ कर गोलू को पकड़ लिया ।वह शिकारी कुत्ता गोलू को अपने मुँह मे पकड़ कर वहाँ से ले गया । अपने पिता को मरता देख चम्पक अपनी माँ के पास जाकर रोने लगा ।

अब शीला को दादा जी की बातें याद आने लगी । वह रोते रोते चम्पक को बोली....

शीला: -आज तेरी वजह से मेरे पति की मौत हो गई । यदि मे दादा जी की बातें मान लेती तो यह सब नही होता ।

वह रोते हुए दादा जी के पास गई । फिर उसने सारी बात दादा जी को बताई । दादा जी की आँखों मे आँसू थे । वह बोले..

दादा जी:-अब पछताये होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत

शिक्षा:-हमे बड़ो का कहना मनना चाहिए ।क्योंकि उन्होंने अपनी उम्र सब कुछ सीखने मे बीता दी ।हमे उनका अपमान भी नही करना चाहिए
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