...

14 views

" नया रिश्ता "
" नया रिश्ता "

आप यदि नया रिश्ता कायम करना चाहते हैं..
तो खुद को पुराने रिश्ते की यादों के पिंजरे से
आजाद करना होगा..!

तभी आप खुद नए सिरे से खुशहाल
जिन्दगी जी पाएंगे और सामने वाले को दे पाएंगे..!

हर बार पुरानी बातें करने से आप गुजरे हुए
लम्हों को जीवित रख रहे हैं..
जो कदापि आपके स्वास्थ्य के लिए उत्तम नहीं है..!

रिश्ता जो मर गया खप गया उसे वहीं दफ़न रहने दो..!
जरूरी है क्या रोज़ हर पल कब्र खोदना..?
सड़न ही फैलेगा उससे फिर चाहे वो जितने भी मधुर संबंध रहें हों..!

इस तरह तो हम मरने वालों की आत्मा को अशांत करते हैं और उनकी आत्मिक यात्रा में विघ्न पैदा करते हैं..!

मरने वालों को हम मजबूर करते हैं इस संसार के मोह से बंधे रखने का गुनाह करते हैं..!

ईश्वर ने जितने समय तय किया है वह व्यक्ति उतने ही दिन हमारे पास रह कर तय अवधि में इस संसार में मोह मुक्त हो कर चला जाएगा..!

व्यक्ति अपने पिछले जन्म के कर्मों को पूर्ण करने हेतु जन्म लेता और चला जाता है..!
हमें इस सच्चाई को गहराई से समझने की जरूरत है..!

हम गर चाहते हैं कि दिवंगत आत्मा दूसरे संसार में सुकून से रहे तो उन्हें याद कर के हमें सताना नहीं चाहिए..!

वो तो आगे बढ़ गए हैं और आप वहीं घड़ी की सुई की तरह अटके हुए हैं क्यों..?

जब तक आप यादों में खुद को क़ैद रखोगे..
अपना दिल दिमाग एवं जीवन को पूर्णतया खाली नहीं करोगे तब तक नया रिश्ता आपके जीवन में कैसे आएगा और ठहरेगा..?

अपने आप को एवं उन विचारों से दूर करो..!
अपने मन को शांत करें एवं जो घाव हैं उसे पहले ठीक करें..!

यह नियम दोनों दशा में लागू होती है फिर चाहे रिश्ता जीवंत हो अथवा मरणोपरांत..!

जो चला गया हमारे जीवन से ठीक है, उसे जाने दें..!

🥀 teres@lways 🥀