...

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हर पल
हर पल बस यही कोशिश जारी है खुद को सवारने का कल क्या हो किसे पता
न जाने क्यों हर पल तमना रहती है किसी की
जिंदगी ऐसे हीं निकल रही है जैसे पहले थी
मगर अब थोड़ी बाते अलग है थोड़ी सी अब ख़ामोशी है तो थोड़ी सी उदासी भी
मगर कैसे कोई किसी के दिल से खेल लेता है
कैसे कोई किसी के साथ यादे बना के उससे दूर
चला जाता है ।
जो इंसान किसी हीं हर पल तमना करता है
सोचता है की वो होता तो कितना अच्छा होता
काश कोई ये भी उसे समझये की
उसे तुम्हरी हर पल याद आती है हर वक़्त वो तुम्हे हीं ढूंढ़ती है उसका कहि दिल लगता नही तेरे बिना
हर घड़ी बस तुझे हीं याद करती है
उसके हर ख्वाब में बस तेरा हीं नाम होता है
तेरी हीं कही हुई बाते याद आती है
बस वो तुम्हे हर पल याद करती है
© Goldi Singh