...

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बहका बहका मन
बहका बहका मन मेरा और ,बहकी बहकी हैं फिजाएं।
हम तो अपनी सुध बुध खो बैठे,देखकर तुम्हारी अदाएं।

इस दिल में नहीं है काबू ,मेरी धड़कने हो रही है बेकाबू।
बस तुम्हारे प्यार की ही,हर तरफ मुझे आ रही हैं ख़ुशबू।

अब बस एक तुम्हें पाने की ,मेरे इस दिल की है आरजू।
क्या कभी पूरी होगी,मेरे दिल की तुम्हें पाने की जुस्तजू।

ये मन ढूँढ रहा है तुमको,तेरी ओर खींच रहा है मुझको।
क्या करूँ कहाँ जाऊँ,तुम्हारा प्यार सता रहा है मुझको।

दिल में उठ रहा है बवाल,कर रहा मुझसे हजार सवाल।
ऐसा क्या है इसमें ,जो तू हो गया उसके प्यार में बेहाल।

तुम्हारी अदाओं ने तो ,इस दिल में मचा दिया है धमाल।
तुम्हारी खूबसूरती और अदाएँ, माशाअल्लाह है कमाल।

बहका बहका मन मेरा और ,बहकी बहकी हैं फिजाएं।
हम तो अपनी सुध बुध खो बैठे,देखकर तुम्हारी अदाएं।

रजनी शर्मा