यादें
अरे रे ! रोको बाइक को कितनी तेज चलाते हो। मेरी आंखों में कुछ चला गया है,अजय देखो न आंख पे बहुत दर्द हो रहा है।
ओहो क्या करते हो आप भी, कितनी बार बोला है आंखों में चश्मा पहना करो,अब देखो बैठ गया न आंख में कुछ।
अच्छा बाबा आगे से ध्यान रखूंगी, अभी आंख में देखो तो बहुत जलन हो रही है,
हां ! आंख खोलो ,अरे कुछ काला सा है शायद कोई कीट चला गया रूको अपने रूमाल के कोने से निकालता हूं। अरे लेकिन आप आंख तो पूरी खोलो।
अरे दर्द हो रहा है, नहीं खुल रही पूरी आंख, और थोड़ी देर की मस्क़त करने पर वो कीट निकल ही गया था। अजय आपने कभी शायद ये काम नहीं किया न इसलिए आपको इतना समय लग गया। मैंने हंसते हुए कहा,
हां - हां मेरा और कोई काम नहीं है,न जो आंखों से सबके कीट निकालता फिरूं,अजय ने झुंझलाकर कहा।
मैं भी मुस्कुरा कर रह गई, उनको समय इसलिए लगा क्योंकि उनको डर था, कहीं मेरी आंख में दर्द न हो जाए, लेकिन पता नहीं उनको अपना प्यार जताने में इतना संकोच क्यों होता था।
और फिर हम निकल पड़े घर की तरफ एक सुनहरी सी याद ले कर।
© Anu
ओहो क्या करते हो आप भी, कितनी बार बोला है आंखों में चश्मा पहना करो,अब देखो बैठ गया न आंख में कुछ।
अच्छा बाबा आगे से ध्यान रखूंगी, अभी आंख में देखो तो बहुत जलन हो रही है,
हां ! आंख खोलो ,अरे कुछ काला सा है शायद कोई कीट चला गया रूको अपने रूमाल के कोने से निकालता हूं। अरे लेकिन आप आंख तो पूरी खोलो।
अरे दर्द हो रहा है, नहीं खुल रही पूरी आंख, और थोड़ी देर की मस्क़त करने पर वो कीट निकल ही गया था। अजय आपने कभी शायद ये काम नहीं किया न इसलिए आपको इतना समय लग गया। मैंने हंसते हुए कहा,
हां - हां मेरा और कोई काम नहीं है,न जो आंखों से सबके कीट निकालता फिरूं,अजय ने झुंझलाकर कहा।
मैं भी मुस्कुरा कर रह गई, उनको समय इसलिए लगा क्योंकि उनको डर था, कहीं मेरी आंख में दर्द न हो जाए, लेकिन पता नहीं उनको अपना प्यार जताने में इतना संकोच क्यों होता था।
और फिर हम निकल पड़े घर की तरफ एक सुनहरी सी याद ले कर।
© Anu