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"पाज़ेब"
पाज़ेब की भी एक
पृथक कहानी है।
किशोरी धारण करें
तो अपनी ध्वनि से
उसके स्वप्नों को भी
सुनातीं है।
गृहणी के पग पर सजें तो
छुन छुन की धुन में पिया का
मन भी बांध लेती है।
और जो सजे सोनचिरी के
पग पर ये कभी तो समस्त
समां को ही चुरा लेती है ।
© Deepa🌿💙
पृथक कहानी है।
किशोरी धारण करें
तो अपनी ध्वनि से
उसके स्वप्नों को भी
सुनातीं है।
गृहणी के पग पर सजें तो
छुन छुन की धुन में पिया का
मन भी बांध लेती है।
और जो सजे सोनचिरी के
पग पर ये कभी तो समस्त
समां को ही चुरा लेती है ।
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