...

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क्यों सुनूं में सबकी🤔🤔🤔🤔🤔🤔
क्यों सुनूं में सबकी
क्या में खुद के लिए कुछ सोच नही सकती
कोई बोले पढ़ाई कर लो
कोई बोले ना करो
कोई बोले जॉब कर लो
कोई बोले ना करो
कोई बोले शादी कर लो
कोई बोले ना करो
कोई बोले अपनी हद में रहो
कोई बोले हादमे रहना सिखाओ
कोई बोले चलते जाओ
कोई बोले रुक जाओ
कोई बोले किसी से बात मत करो
कोई बोले सबसे बोलो
कोई बोले मुस्कुराती क्यों नही
कोई बोले इतना मुस्कुराते क्यों हो
घर वाले बोले शादी कर लो
चाहे कैसा भी हो तुम्हे सोचने की
नही देखने की जरूरत है
कोई बोले तुमको घूंघट में रहना है
लेकिन कोई गड़बड़ नही होनी चाहिए
तुमको सोचने की जरूरत नहीं
कोई सिर्फ साड़ी पहनो चाहे
तुम संभाल पाओ या नही
तुमको सोचने की बोलने जरूरत नही है
बच्चे अच्छे से पढ़ाई करवाओ
लेकिन तुमको बोलने की जरूरत नही है
बच्चे फेल हुए तुमने बोला क्यों नही
अब सोचने की जरूरत नही
ऐसे वैसे जेसे भी सुनते रही
घर देखो मां बाप की इज्जत का सवाल है
कुछ मत बोलो
भाई की इज्जत का सवाल है ठीक से कपड़े पहनो
भले भाई कुछ भी की सोचने की जरूरत नहीं है
शादी कर लो लड़के की उम्र दादा की उम्र के बराबर क्यों न हो
तुमको सोचने की जरूरत नहीं है
जेसे मर्जी शादी कर दी कुछ बोलने की
जरूरत नही है बाद में ससुराल में
कोई कुछ भी ताने बोलने की जरूरत नही है
नंद अगर मायके आई हो तो महारानी की तरह
सिर्फ हुकुम करना है लिए कोई काम नही
तुमको बोलने की जरूरत नही
तुम्हारे बच्चे तुम्हारा पति सास ससुर
मां बाप भाई यही सब और समाज के ठेकेदार
सुनो सुनो सुनो हमको कुछ बोलने सोचने समझे की जरूरत क्यों नही है जब pori जिंदगी खराब हो जाती है तब बोलते हो बेटी जिंदगी खराब हो हुई पहले बेटा बेटी किसी की जिंदगी का फैसला सुनाने से पहले उनके फैसले भी सुन ले जिंदगी खराब होने से बच जायेगी घर वालो अच्छा सोचते है कभी कभी वो गलत भी हो सकते है

सुनो सबकी करो मन की जो दिल बोले इसका मतलब यह नही अपने घर वालो के साथ गलत करो थोड़ा तुम सोचो थोड़ा वो सोचेंगे
न सोचने से अच्छा है थोड़ा थोड़ा अधिकार सबको दे जिंदगी आसान बन जायेगी 🥺🥺🥺🥺🙏🙏🙏

© hatho ki lakiren aur kuch nhi......