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लौट चलतें हैं अपने शहर
आईये लौट चलते हैं अपने शहर
अब इस शहर मे कोई हमारा नही
बहुत भीड़ है इस शहर मे
मगर लोगो को यहाॅ खुद से कोई प्यारा नही
हमने भी देखी शहर की सारी हलचल
मगर रातों को सन्नाटों भरी रात भी देखी
यहाॅ रहते हैं लोग मतलब से बस
हमने बिन मौसम बरसात भी देखी
आज जीवन से मन रूठ रहा है
सारा सपना एक पल मे टूट रहा है
आईये लौट चलते हैं अपने शहर
अब इस शहर मे कोई हमारा नही।
© प्रभु🌹⚘️⚘️🌹🌼
अब इस शहर मे कोई हमारा नही
बहुत भीड़ है इस शहर मे
मगर लोगो को यहाॅ खुद से कोई प्यारा नही
हमने भी देखी शहर की सारी हलचल
मगर रातों को सन्नाटों भरी रात भी देखी
यहाॅ रहते हैं लोग मतलब से बस
हमने बिन मौसम बरसात भी देखी
आज जीवन से मन रूठ रहा है
सारा सपना एक पल मे टूट रहा है
आईये लौट चलते हैं अपने शहर
अब इस शहर मे कोई हमारा नही।
© प्रभु🌹⚘️⚘️🌹🌼
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