"तसव्वुर से गुफ्तगू"
चलो आज तुम्हारे तसव्वुर से
ही थोड़ा गुफ्तगू कर लेते है!!
ये बताओ इतने शफीक क्यों
नुमा होते हो तुम!!
कभी मुस्कुराते हुए तो कभी
ग़म का लबादा ओढ़े लगते हो तुम!!
क्या करना है एहद दिखावे का हुज़ूर
हमें तो सादगी भातीं है आपकी।
ठहर जाओ कुछ और लम्हा मेरे दरमियान
पलक झपकते ही क्यों धुएं सा ओझल हो
जातें हो तुम!!
© Deepa🌿💙
ही थोड़ा गुफ्तगू कर लेते है!!
ये बताओ इतने शफीक क्यों
नुमा होते हो तुम!!
कभी मुस्कुराते हुए तो कभी
ग़म का लबादा ओढ़े लगते हो तुम!!
क्या करना है एहद दिखावे का हुज़ूर
हमें तो सादगी भातीं है आपकी।
ठहर जाओ कुछ और लम्हा मेरे दरमियान
पलक झपकते ही क्यों धुएं सा ओझल हो
जातें हो तुम!!
© Deepa🌿💙
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