20 views
लक्ष्मण
किसी को राम चाहिए
तो किसी को कृष्ण चाहिए
पर कोई पूछे मुझसे
तो मुझे रामानुज चाहिए।
जिसकी नजरें नुपुर तक सीमित हो
जो माँ जैसा सम्मान भी दे
जब भ्राता पर संकट आए
तब लक्ष्मण रेखा खींच वो दे।
जिसके रक्त में थोड़ा उबाल हो
जो गलत को कभी न सहे
जो सुरपनाखा की नाक काटते
हुए तनिक भी ना डरे।
जब त्याग दे अपना ही कोई
तब वन तक तो पहुचाय वो
ना सोचे गलती किसकी थी
बस अपना कर्तव्य निभाए वो।
© Amitra
तो किसी को कृष्ण चाहिए
पर कोई पूछे मुझसे
तो मुझे रामानुज चाहिए।
जिसकी नजरें नुपुर तक सीमित हो
जो माँ जैसा सम्मान भी दे
जब भ्राता पर संकट आए
तब लक्ष्मण रेखा खींच वो दे।
जिसके रक्त में थोड़ा उबाल हो
जो गलत को कभी न सहे
जो सुरपनाखा की नाक काटते
हुए तनिक भी ना डरे।
जब त्याग दे अपना ही कोई
तब वन तक तो पहुचाय वो
ना सोचे गलती किसकी थी
बस अपना कर्तव्य निभाए वो।
© Amitra
Related Stories
23 Likes
7
Comments
23 Likes
7
Comments