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तेरी याद
मेरी ज़िंदगी में तेरी यादों के साये रहते है
बिन तेरे ना नींद आती है ना ख्वाब सुहाने होते है
मेरी आरज़ू तो यही है कि, तू मेरे सामने रखे
ये तन्हाई के दिन भी अजीब होते है

मुझे तेरी याद बहुत आती है
जब मुश्किल में होते है
तुम भी जानती हो , तुम बिन मंजिल का क्या फायदा
जब तुम्हारी इक मुस्कान से हम मुकम्मल होते है

मुसाफ़िर की तरह है ज़िंदगी अपनी
सब तन्हा तन्हा गुज़रते है
इक मोहब्बत ही ऐसा नौका है जिसमें बैठ कर दुनिया से परे होते है
बस इक बार दिल से मोहब्बत करने की जरूरत है
मोहब्बत करने वाले कभी जुदा नहीं होते है

मैंने माना ज़िंदगी तेरी बाहों में है
हम दूर भी रहे तो फर्क पड़ता है
हम फिर भी करीब होते है
दूर कहीं तुम्हारे गीत ऐसे सुनाई देते है
जैसे मंदिर में मीरा के भजन होते है

जो अधूरा रह गया वहीं तो सच्चा इश्क़ है
अधूरे होकर ही तो श्री राधा कृष्ण पूरे होते है

तुम जब मुस्कुराती हो अपने सुर्ख होंठों से
मेरे ख्वाब गुलाबी होते है
नाम तुम्हारा जो कुछ भी हो
तुम्हें राधा ही तो कहते है।

मेरी ज़िंदगी में तेरी यादों के साये रहते है


written by अंगराज कर्ण
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