...

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ख़ुदाई ढूँढ़ता हूँ मैं
हर इक बुराई में, भलाई ढूँढ़ता हूँ मैं
हर ज़र्रे में, तेरी ख़ुदाई ढूँढ़ता हूँ मैं
ये ज़िन्दगी सफ़र है, कुछ लम्हां रहगुज़र है
इस सफ़र में, तेरी रहनुमाई ढूँढ़ता हूँ मैं।

बे-ग़ैरतों में भी, हयाई ढूँढ़ता हूँ मैं
हर गन्दगी में, कुछ सफ़ाई ढूँढ़ता हूँ मैं
हर भूखे को दो रोटी, जो कर सके मयस्सर
बस ऐसी ही, कोई कमाई ढूँढ़ता हूँ मैं।

रिस्तों में दिल से, सच्चाई ढूँढ़ता हूँ मैं
दिलों को जोड़े ऐसी इक, रुबाई ढूँढ़ता हूँ मैं
बस एक क़तरा जिसका, चमका दे सबकी क़िस्मत
कोई ऐसी सुनहरी, रोशनाई ढूँढ़ता हूँ मैं।

हर ज़ख्म भर दे, वो दवाई ढूँढ़ता हूँ मैं
हर तरफ़ गूँजती, शहनाई ढूँढ़ता हूँ मैं
मिसाल छोड़ जाये, जो पीछे इस जहां में
"भूषण" बस ऐसी ही विदाई, ढूँढ़ता हूँ मैं।।