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पहचान
#पहचान
बनेगा जो सास्वत वही आधार होगा,
पहचान तेरा नाम अपितु काम होगा;
आख़िरी सांस लेने से पहले, कर हर वो कर्म जो तेरे अस्तित्व को बनाये,
जाने के बाद तेरे, नाम हर तरफ गूंजा जाए;
एक नाज़ुक से डोर के सिरे से बंधा है जीवन,
देर इतनी ना कर के वक़्त हाथो से निकल जाए ;
तू है अर्जुन एकलव्य भी तू है,
क्यू ढूंढे वासुदेव को अपने जीवन रथ का सारथी भी तू है;
हाथो मे लिए हिसाब तेरा यम कबसे बैठा है,
तू खुद का तराशगीर, क्यों करमो से अब तक रूठा है;
© Amuu_speaks