...

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स्वागत तो करो हमारा
स्वागत से तुम्हारे
स्वप्न हुआ साकार मेरा
प्रसन्नता से कद बढ़ गया
बढ़ गया आकार मेरा
यूं ही बनी रहना
जीवन में मेरे
दिन-रात सांझ सवेरे
नयन मेरे भी व्याकुल है
दीदार को तुम्हारे
खिल गए हैं लब मेरे
बस नाम तेरा ही पुकारे
देखा मैंने अक्स तेरा
और यह विचार किया
कितने पावन विचार तुम्हारे
स्वागत मैंने स्वीकार किया