...

19 views

गुलमोहर
हाय इश्क़, मोहब्बत, प्यार हो तुम,
सच गुलमोहर से सदाबहार हो तुम.

फूल तुम्हें देख के सीखे खिलना,
यकीनन, गुलों का, निखार हो तुम.

तुम्हारी खुश्बू फजा में शामिल,
नई नई ऋत का ही, सृंगार हो तुम.

तुम्हें देखने निकले चिलमनो से,
चांद सितारों का भी करार हो तुम.

रूह ए अहसास में तुम मौजूद,
ए सनम, जिंदगी का सार हो तुम.

© एहसास ए मानसी