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जिंदगी🖤
क़भी-क़भी लगता कि हम मध्यम वर्ग वालों की ज़िंदगी किसी श्रापित क़लम से लिखी गयी है , जिसमें खुशियाँ बहुत ही सीमित अंश में जोड़ी गयी हैं ।
एक प्रकार से ना के बराबर ही , बस सुकूँ की आस में दुःख-तकलीफों के पत्थर हटाते-हटाते जीवन निकल जाएगा एकदिन सच मानिए...!!
© Rising_लेखक🖤
एक प्रकार से ना के बराबर ही , बस सुकूँ की आस में दुःख-तकलीफों के पत्थर हटाते-हटाते जीवन निकल जाएगा एकदिन सच मानिए...!!
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