...

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परेशान हु मै
खुद की बातों से ,,,
ही परेशान हु,
सच जानती हूं मैं,,
फिर भी उससे अंजान हूं,,
मिलेगा व नही,,
इतना इश्क करने के बाद भी,,
इसी बात से हैरान हूं मै,,
रोज एक ही बात सोचती हूं,,
क्यों ये इश्क मुझको हुआ,
इस दर्द दे दिल से परेशान हू मै,,
कभी कभी लगता हैं,,
कितनी खुदगर्ज हू मै,,
खुद की खुशियां सोची,,
क्या इतना बेईमान हु मै,,,
खुद की ही कमियां देखती हूं,,
लायक नहीं उसके,
इसी बात से परेशान हू मैं।।