...

5 views

ॐ हर हर महादेव.....
🙏
त्रिगुणातीत, निर्विकार, सकल सृष्टि के आगोचर स्वामी,
महादेव शिवशंकर भोले, सकल सिद्धि परिणामी।🙏
जन्म-मृत्यु सब हाथ तुम्हारे, काल सृष्टि-प्रलय अनुगामी,
सब वेदों से परे, सकल नियम-निरुद्ध, तुम स्वामी।
🙏
प्रेम-भाव से जो जन सुमिरै, ताप नसावन त्रयताप हरे,
नीलकंठ तुम, बाघम्बर-धारी, काल-भुजंग कंठ पड़े।
🙏
हे!महाकाल सुन लो पुकार, शरण तुम्हारी, पड़े तेरे द्वारे,
कर संयुक्त, करो अहं मुक्त, सकल पाप मिटाओ हमारे।
🙏
कर हलाहल धारण कंठ में, नीलकंठ प्रभु तुम कहलाये,
तीनों लोक की विपदा हर ली, कौन तुम बिन हो सहाये।
🙏
तुम ही पालक, नाशक तुम ही, हाथ तुम्हारे निर्माण-प्रलय,
तुमसे सारी सृष्टि की रचना, तुम ही कण-कण सर्वत्र मिले।
🙏
करो कृपा मेरे अवढरदानी, जीवन-मरण, मुक्ति-मार्ग मिले,
करो प्रभु कृपा जगत पर, हो पल्लवित सुखी संसार खिले।
🙏

© विवेक पाठक