...

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पिंजरा है सरदार का।।
पिंजरा है सरदार का,
मैं तो पिजरबध्द हूं,
मुझसे मत पूछो मेरी रज़ा क्या है ,
रज़ा से ज़रा जाकर पूछो,
कि ज़रा उससे यह तो पूछ कर आए,
कि मेरी ख़ता क्या है,
और मेरी उस ख़ता के लिए उसके लिए मेरे लिए उसकी सज़ा क्या है।।

यह एक असम्भव पूर्ण सारांश ,
अर्थात -,
अध्याय पूर्ण कलियुग को मिल जाएगा जीवन,
मगर असंभव है।।
क्योंकि गाथा में तीन युग गाथा से बोले,
मैं सबसे बड़ा ,
और -
मैं सबसे शक्तिशाली हूं।।
मगर एक गाथा के रचयता अथवा नारी ने बोला कि तुम लोगों में से कोई शक्तिमान हो सकता है,
सबसे सर्व शक्तिमान तो मैं हूं।।

चारों लोगों ने एक दूसरे को देखते हुए कहा ऐ सुन्दरी कौन हो तुम और -
क्या है तुमहारी शक्ति?
क्या तुम हम तीनों कीशक्ति से अपरिचित हैं।।

फिर जो उन्होंने तीनों युगो जो उत्तर दिया वो हैरानी वाला था।।

बोले -मै वासुदेव पुत्र श्रीकृष्ण हूं।।
चार युगो मोन।।
एक असम्भव प्रेम गाथा है।।