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जिंदगी हमसे
थोड़ी सी खुशियां चाही क्या खता हो गई,
जिंदगी हमसे जो इस तरह खफा हो गई।
सुनु दिल की खामोशियां या जज्बातों को,
यूं जो जीने की न जाने कैसे पता खो गई।
सूरज की रोशनी की जैसे जो चमकती थी,
अब रोशनी ही नहीं अंधेरों की घटा घिर गई।
जैसे किस्मत ए जिंदगी हमसे कुछ यूं खेल रही हो ,
जीत,बाजी दोनों हमारी थी की यूं पासा पलट गई।
जिंदगी चाह चांद सितारों का चमकती हो हमारी,
पर जिंदगी ताप्ती सूरज चट्टान की वफा हो गई ।
थोड़ी सी खुशियां चाही क्या खता हो गई,
जिंदगी हमसे जो इस तरह खफा हो गई।
© Savitri..
जिंदगी हमसे जो इस तरह खफा हो गई।
सुनु दिल की खामोशियां या जज्बातों को,
यूं जो जीने की न जाने कैसे पता खो गई।
सूरज की रोशनी की जैसे जो चमकती थी,
अब रोशनी ही नहीं अंधेरों की घटा घिर गई।
जैसे किस्मत ए जिंदगी हमसे कुछ यूं खेल रही हो ,
जीत,बाजी दोनों हमारी थी की यूं पासा पलट गई।
जिंदगी चाह चांद सितारों का चमकती हो हमारी,
पर जिंदगी ताप्ती सूरज चट्टान की वफा हो गई ।
थोड़ी सी खुशियां चाही क्या खता हो गई,
जिंदगी हमसे जो इस तरह खफा हो गई।
© Savitri..
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