24 views
"तुम्हारा साथ चाहती हूं"
सुनो मैं अपना एक तमाम दिन
तुम्हारे साथ गुजा़रना चाहती हूं।
हाथों में हाथ न सही,मगर कुछ लम्हा
तुम्हारी हम-कदम बनना चाहतीं हूं।
ढ़ेर सी बातें न सही मगर गुफ्तगू फिर भी
करना चाहतीं हूं।
कुछ अपनी कहना और कुछ
तुम्हारी सुनना चाहती हूं।
मुझे तलब नहीं महंगे दस्तर का,मगर एक
प्याली चाय तुम्हारे साथ मैं पीना चाहती हूं।
© Deepa🌿💙
तुम्हारे साथ गुजा़रना चाहती हूं।
हाथों में हाथ न सही,मगर कुछ लम्हा
तुम्हारी हम-कदम बनना चाहतीं हूं।
ढ़ेर सी बातें न सही मगर गुफ्तगू फिर भी
करना चाहतीं हूं।
कुछ अपनी कहना और कुछ
तुम्हारी सुनना चाहती हूं।
मुझे तलब नहीं महंगे दस्तर का,मगर एक
प्याली चाय तुम्हारे साथ मैं पीना चाहती हूं।
© Deepa🌿💙
Related Stories
32 Likes
14
Comments
32 Likes
14
Comments