ग़ज़ल
किसको खोना किसको पाना देख लिया
हमने भी सबका याराना देख लिया
इससे ज़्यादा और क़यामत क्या गुज़रे
इन आंखों ने तेरा जाना देख लिया
अब तो दिल की एक नहीं सुनना मुझको
पहले दिल का कहना माना देख लिया
किसने आख़िर तेरा रस्ता रोका है
किसने तेरा बाहर आना देख लिया
'नाज़िर ' तुमने ख़ास नहीं कुछ कर पाया
कितना था ये दिल दीवाना देख लिया
शाबान नाज़िर-
© SN
हमने भी सबका याराना देख लिया
इससे ज़्यादा और क़यामत क्या गुज़रे
इन आंखों ने तेरा जाना देख लिया
अब तो दिल की एक नहीं सुनना मुझको
पहले दिल का कहना माना देख लिया
किसने आख़िर तेरा रस्ता रोका है
किसने तेरा बाहर आना देख लिया
'नाज़िर ' तुमने ख़ास नहीं कुछ कर पाया
कितना था ये दिल दीवाना देख लिया
शाबान नाज़िर-
© SN