...

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जब एक अच्छा इंसान बुरा बनता है
उसकी हद की कोई सीमा
नहीं होती, जिसने उसे दर्द
दिया जब वो उसे दर्द देता है
वो खुद को धीरे धीरे कुछ
इस कदर खत्म करता है कि
उसमे अच्छाई का एक %
भी हिस्सा ना बचे ........
उसे हद से ज्यादा अच्छे लोगो
को देखकर उन पर हंसी आती
है , क्युकी वो उन लोगो में खुद
को देख रहा होता है, ओर उसे
पता होता है कि कल शायद
उनके साथ भी वही हो, जो आज
उसके साथ हुआ है, जब किसी
अच्छे इंसान के साथ बुरा होता है
वो अंदर से टूट जाता हैं की उसने
तो कभी किसी का बुरा नहीं चाहा
फिर ऐसा क्यूं? हुआ और वो पूछने
लगता है खुद से एक ही सवाल क्या?
हद से ज्यादा अच्छा होना भी बुरा होता
है ...... Your Muskaan ✍️puchna
chahti hai
kya kahege is vishay par Aap

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