...

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मिटने में भलाई
सोचने मात्र से काम हो जाए
इतनी सस्ती नहीं है ज़िंदगी जीना।

तुम मुस्कराओ हम पिघल जाए,
इतना आसान नहीं है मेरा मिटना ।

बंधनों का डोर बड़ी जटिल है,
दृष्टा मात्र से होने से नहीं मिलती मुक्ति ।

प्यार प्यार खूब करी उम्र भर हमने,
समझना समझाना में आती नहीं कोई युक्ति।

विरले कोई होंगे जिसे प्यार शुन्य से‌ हो,
नकारे मिले हुए को होते नहीं ऐसे विभक्ति।






© Sunita barnwal