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नीलामी रही होगी...💔💔✍️✍️(गजल)
हममें कुछ तो खामी रही होगी
यूं ही नहीं मेरी गुलामी रही होगी
जितना अच्छा हूं मैं देखो साहब
उससे ज्यादा बदनामी रही होगी
जो रिश्ते टूट रहे आजकल 'सत्या'
मोहब्बत उनकी कामी रही होगी
वो बिन मतलब कुछ नहीं करता
शर्त कोई तो ईनामी रही होगी
जो सदियों पुरानी मोहब्बत छोड़ें
नीयत उसकी हरामी रही होगी
अब नहीं रखते वो ताल्लुक हमसे
गैरों से उसकी सलामी रही होगी
कौन जीता होगा जंग - ए- इश्क
और किसकी नाकामी रही होगी
जो देकर गये हैं मुझको दर्दों गम
मेरी मोहब्बत की नीलामी रही होगी
कोई कैसे छीन लेता मेरी मोहब्बत
इसमें उसकी भी हामी रही होगी
© Shaayar Satya
यूं ही नहीं मेरी गुलामी रही होगी
जितना अच्छा हूं मैं देखो साहब
उससे ज्यादा बदनामी रही होगी
जो रिश्ते टूट रहे आजकल 'सत्या'
मोहब्बत उनकी कामी रही होगी
वो बिन मतलब कुछ नहीं करता
शर्त कोई तो ईनामी रही होगी
जो सदियों पुरानी मोहब्बत छोड़ें
नीयत उसकी हरामी रही होगी
अब नहीं रखते वो ताल्लुक हमसे
गैरों से उसकी सलामी रही होगी
कौन जीता होगा जंग - ए- इश्क
और किसकी नाकामी रही होगी
जो देकर गये हैं मुझको दर्दों गम
मेरी मोहब्बत की नीलामी रही होगी
कोई कैसे छीन लेता मेरी मोहब्बत
इसमें उसकी भी हामी रही होगी
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