...

14 views

कली और फूल
#वर्णाक्षरमनोहारी

खिली रात में कलि नहीं ,
क्योंकि प्रिय से मिली नहीं ।

उसको था प्रिय का इंतज़ार,
दिल में उमड़ रहा था प्यार। ।

चेहरे पर थी अज़ब उदासी ,
थी वह प्रिय दर्शन की प्यासी ।

हुआ सवेरा सूरज आया ,
चिड़ियों ने भी गाना गाया ।।

हल्की-हल्की पवन चली जब ,
खिली कलि फिर फूल हुई तब ।

म।क उठा यह गुलशन सारा ,
लगे सुबह का यह पल प्यारा ।। S.S.
Sarita Saini
स्वरचित
© Lafz_e_sarita

#writco #WritcoPoemChallenge

Related Stories