...

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नानी
उह के घर को आंगन
उह की सुंदर सी बोली
उहकी बातां को काई कहबो
उन्हको मिजाज़, आम की गोली जेसो
कदी खट्टो ,कदी मीठो।
बड़ो सी केवल दिखा छी वा
स्वभाव में एकदम बच्ची
वा और उहको चरखी चीज़ा को प्यार
हर वक्त कचोरी और सेव ताई तैयार
रंग बिरंगी चुनरी और लाख की चूड़ियां
"री बहणा, म्हारा पग दाब दे, आज घणा दुख रेया!"
थारी याद आऊ छ, संग याद आऊ छ तेरो आंचल
पण म्हारी प्यारी जीजी की जीजी,
अब " ये छोरा छोरी घणा औटंग कर छ" केहबो वाला
कोई ना रेहा!
© surbhi