...

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"रूहानी इश्क़"
रंग दो अपने इश्क़ से इस कदर मेरे रूह को
कि जिस्म का गोशा -गोशा केशपाश हो जाए!!

जब लबों से तुम मेरे रूखसार को छू लो, तो
हया से बेतहाशा हम सुर्ख़ हो जाए!!

जब अपने गेसुओं को हम तुम्हारे कांधे पर
बिखेर दें तो हर नजारा शब सा स्याह हो जाए!!

जो निगाहों से मेरी तुम अपनी निगाहों से मिला दो
तो मदमस्त मेरी मख़मूर नजर गुलाबी हो जाए!!


© Deepa🌿💙