आजाद रहेंगे...
शादी से जो मिले हैं सबक याद रहेंगे।
अब अगले जनम में तो हम आजाद रहेंगे।।
वो जो उठा लेते हैं भारी से भारी बोझ।
सेहरा को सर पे धर के देखें पाद रहेंगे।।
एक दिन बन जायेंगे वृक्ष ये पौधे।
देते जो हम इनको पानी खाद रहेंगे।।
मार कर लटका देते हैं प्रेमियों को ये।
दुनियां वाले कब तलक जल्लाद रहेंगे।।
दुनियां को मुबारक हों खुशियां कि "राम" हम।
नाशाद थे नाशाद हैं नाशाद रहेंगे।।
© राम अवतार "राम"
अब अगले जनम में तो हम आजाद रहेंगे।।
वो जो उठा लेते हैं भारी से भारी बोझ।
सेहरा को सर पे धर के देखें पाद रहेंगे।।
एक दिन बन जायेंगे वृक्ष ये पौधे।
देते जो हम इनको पानी खाद रहेंगे।।
मार कर लटका देते हैं प्रेमियों को ये।
दुनियां वाले कब तलक जल्लाद रहेंगे।।
दुनियां को मुबारक हों खुशियां कि "राम" हम।
नाशाद थे नाशाद हैं नाशाद रहेंगे।।
© राम अवतार "राम"
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