...

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सबके एक ही सवाल 🤔
हम सभी के मन में एक सवाल हमेशा रहता है 🤔

वो ये की जो लोग मर जाते है वो हमको याद
क्यों नही करते या हमसे बात नही करते जेसे वो
जिंदा थे उस तरह सबका यही सवाल होता है जिसका जवाब हम सबको पता होता है लेकिन
कोई ध्यान नही देता 🥺🥺🥺🥺🥺🥺


अभी कुछ दिन पहले मेने फेस बुक एक पोस्ट देखी जिसमे लोगो ने कॉमेंट किया था की लोग
हमको पहचानते क्यों नही हमसे बात क्यों नही करते हमे भूल क्यों जाते है 🤔🤔🤔🤔

लेकिन ये सच नही है उन्हे कुछ भी याद नहीं रहता
वो करण भी हम है लेकिन वो हमारे भले के लिए होता है 🙏🙏🙏

हम सबने देखा होगा जब भी अंतिम संस्कार किया जाता है उससे पहले एक क्रिया होती है
जिसे कपाल क्रिया कहते है अब वो क्यों 🤔🤔🤔होती हैं आइए जानते है 🙏🙏🙏🙏

हमने अभी सुना कपाल क्रिया होती है
हम पंडित जी कहते है एक नारियल देते हुए
कहते है ३ बार वार करना होता है मतलब उनकी
खोपड़ी को फोड़ा जाता है जब उस क्रिया को किया जाए तो कहते है एक भी आंसू नही आना चाहिए वो वचन देकर ये क्रिया करता है उसके बाद उनको पता चलता है 🤔🤔🤔🤔🤔

ये क्रिया क्यों की जाती है तब पंडित जी बताते हैं
इस जन्म की याद को खतम करने के लिए उनको
आगे बढ़ने के लिए और हमसे उनका मोह खतम हो जाए वो हमको भूल जाय और वो आगे बढ़ने की कोशिश करे ताकि उनको दूसरा जन्म और आगे बढ़ने में मदद होगी और वो अपने सारे रिश्ते नाते भूल कर आगे बढ़ जाए और फिर उस क्रिया को करने से पहले उनसे माफी मांगनी होती है की जो भी परिजन होता है उनको कहा जाता है

हमको इस क्रिया को करने में में आपसे माफी मांगता हूं और आप मुझे माफ कर आगे बढ़ जाओ उसके बाद वो क्रिया की जाती है
जिससे वो आगे बढ़ जाए फिर 🤔🤔🤔🤔

उस परिजन की आत्मा १३ दिन उसी घर में रहती है वो सबको जानती है पहचानती है लेकिन वो हमे दिख नही सकते लेकिन वो हमे देख सकते है इसका एहसास होता है की वो हमारे आस पास है लेकिन हम समझ नही पाते और फिर जब १३ वा दिन से पहले वो हमारे सपने में हमको दिखते है और वो पूछते है हमारे खाने में क्या क्या है हम उनको उनकी पसन्द का खाना बताते है ये सब है
जब कुछ हम भूल जाते है तो हमको याद दिलाने के लिए हुमे केहते है की ये चिज कहां है और हम याद आ जाता है की हां हमने ये चीज भूल गए थे

वो आखरी बार बात होती है जो हमसे बात करने की इजाजत मिलती है उसके बाद उनको खाना देने के लिए हम चार लोग जाते है चाकू लठ माचिस आग लेकर और सुनसान जगह में रखकर बोलते है जिसको भी खाना देना है उनको बुलाते है वो हमारे घर से निकल कर उस जगह पहुंच जाते है जेसे ही वो अपना खाना खाते है वैसे ही
उनकी यादें खतम हो जाती है और वो हमको सिर्फ तब देखते है बात करते है जब उनको कुछ चाहिए होता है जब श्राद्ध पक्ष शुक्ल लगता है तब

तब उनको हमसे मिलने का देखने का मोका मिलता है जब हम उनको याद कर उनको सब कुछ देते है तो उनको खुशी मिलती है हमको आशीर्वाद प्राप्त होता है

हम खुद हमको भूलने के लिए ये सब करते है

फिर हम ही सवाल करते है दुखी होते है की वो
हमको भूल जाते है लेकिन यही हमारे लिए उनके लिए सही होता है

ये सवाल भी होगा कि मुझे ये सब केसे पता वो भी बता रही हूं 🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺

पापा खत्म हुए तो पापा मुझे दिखते थे हाथ में पेग
लेकर क्योंकि वो पीते थे इसलिए फिर मम्मी ६महीने बाद वो भी खतम हो गई

और फिर जैसा मेने बताया उनकी टेरमी का दिन था उसे एक दिन पहले मेने सब तयारी कर ली थी सबकुछ ले आई थी में रात में १२ बजे हम सब सो गए तब वो सपने में आई और मुझसे मिलने आई और मुझे रोका कहा तू कहां चली में तुझे मिलने आई तू कहां चली मेने बोला तुमसे मिलने उन्होंने बोला नही तू यहीं रह में खुद मिलने आई हूं वो बहुत दुखी थी क्योंकि वो मुझसे बिना कुछ बोले बिना बात किए ये दुनिया छोड़ चुकी थी और में

उनके पास नही थी उन्हें अपने लिए रोता हुआ़ देखा अब तारा ध्यान कोन रखेगा फिर उन्होंने मुझे पूछा क्या क्या बनाया मेने बता दिया ये सब है तो

उन्होंने मुझसे पूछा लड्डू कहां है
मैने समझ गई कि में लड्डू लाना भूल गई
तभी मुझे याद दिला रही थी की ये काम है
तो मैंने बोला में कल लेकर आऊंगी मुझे मिला नही तभी वो बोली ठीक है इतना कहते मेरी आंखे खुल गई मेने देखा ये सपना है फिर याद आया की
जो चीज की कमी है वही याद दिला रही है क्योंकि
लड्डू उनके मनपसंद थे और में अकेले ही सब देख कर रही थी और वो मेरी मदद कर रही थी उनको मेरी फिकर थी ये अनुभव मुझे हुआ कि 🤔🤔🥺🥺🥺

वो है नही उनको मेरा खयाल है लेकिन हम ये क्यों भुल जाते है हम भी अपने कर्म करने चाहिए ताकि उनको कोई तकलीफ न हो उनको उनकी दुनिया में हमे प्राथना करनी चाहिए की तकलीफ कम हो और उनको नया जन्म नया शरीर मिल सके

जब भी मुझे उनसे कुछ भी कहना होता था में सोचती काश वो मेरे पास होती उसी रात वो मेरे सपने के आती और हम बहुत सारी बात करते जो उनसे कहना होता में उनको सपने में के देती क्योंकि हम मां बेटी तो थी लेकीन एक अच्छी दोस्त भी थी हम बहुत बाते किया करते तभी जब उनको कुछ कहना होता वो मुझे अपने में दिखती बता देती और मुझे कुछ कहना होता में भी ऐसे ही करती हम बहुत बाते करते क्योंकि में दिल से याद करती में अकेले हो गई कोई नही मेरे से बात करने के लिए वही बात करती रहती कुछ होने वाला होता है पहले मुझे पता चल जाता हैं तभी

हम ये नहीं कहना चाहिए की वो हमे भूल गए क्योंकि ये। सच नही होता हम उनको भूल जाते है
अगर दिल से सोचो उनसे बात करने की वो जरूर तुमसे बात करेंगे बिना किसी पंडित और बिना इधर उधर गए ये सच्ची घटना है जो मेने शेयर की 🥺🥺🥺🙏🙏🙏🙏🙏
© hatho ki lakiren aur kuch nhi......