समझौता कर ले.!
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
लोग बदल जाते है दुसरो से मिल कर रे,
तू अपनी अलग पहचान बना,
क्यो की अनाज जमीन मे उगता है,
हाथों से गिर कर रे...!
© sukoon💫
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
लोग बदल जाते है दुसरो से मिल कर रे,
तू अपनी अलग पहचान बना,
क्यो की अनाज जमीन मे उगता है,
हाथों से गिर कर रे...!
© sukoon💫
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