21 views
किरणे
अंधेरी रातों मे उजाले की एक किरण निकली है,
देखो ये धूप भी आज सजधज कर निकली है।
लाल लाल किरणे खिल रही हैं चेहरों पर
आज आँखो मे बहार बनकर निकली है।
किरणे चेहरो पर पडते ही मुस्कुराने लगे है लोग
आँखे मलते हुए चहचहाने लगे हैं लोग।
अंधेरी रातों मे उजाले की एक किरण निकली है,
देखो ये धूप भी आज सजधज कर निकली है।
निकल गयी नन्ही कली फूलों की मुस्कुराती हुई
उडने लगी तितलिया जैसे चहचहाती हुई।
भौरे भी मडराने लगे फूलो की तरफ
फूल सारे मुस्कुराए सूरज की तरफ।
अंधेरी रातों मे उजाले की एक किरण निकली है,
देखो ये धूप भी आज सजधज कर निकली है।
© प्रभु
देखो ये धूप भी आज सजधज कर निकली है।
लाल लाल किरणे खिल रही हैं चेहरों पर
आज आँखो मे बहार बनकर निकली है।
किरणे चेहरो पर पडते ही मुस्कुराने लगे है लोग
आँखे मलते हुए चहचहाने लगे हैं लोग।
अंधेरी रातों मे उजाले की एक किरण निकली है,
देखो ये धूप भी आज सजधज कर निकली है।
निकल गयी नन्ही कली फूलों की मुस्कुराती हुई
उडने लगी तितलिया जैसे चहचहाती हुई।
भौरे भी मडराने लगे फूलो की तरफ
फूल सारे मुस्कुराए सूरज की तरफ।
अंधेरी रातों मे उजाले की एक किरण निकली है,
देखो ये धूप भी आज सजधज कर निकली है।
© प्रभु
Related Stories
34 Likes
14
Comments
34 Likes
14
Comments