🪴🪴🪴 फिर क्या था🪴🪴🪴
जिस दिन नजर
मिली दोनो की
चाल चलन सब
बदल चुकी थी
अगल बगल से
जब वो जाते
मैं अब थोड़ा
सम्हल रही थी
मिलने की फरियाद
हुई तो खुशी से
झूम के उछल पड़ी
आती हूं मम्मी
कह कर मैं
घर से अपने
निकल पड़ी
कुछ ही दूरी
पर उसकी
वो काली
रंग की कार
खड़ी
मिला अकेले
साथ था उसका
दामन थाम रही
थी जिसका
उंगली फेरा
बालों में
और जिक्र किया
होंठों के किश का
दोनो जा पहुंचे
थे होटल
उसने जो भी
पिया, पिलाया
होश नही था
क्या क्या खाया
आंख खुली तो
क्या कुछ पाया
भाड़ में गई
पढ़ाई उस दिन
भाड़ में गया
सुनहरा जॉब
आँख खुली तो
खुद को देखा
बिखरे पड़े थे
सारे ख़्वाब।।
#ख्वाबोंकीदुनिया
© संग
मिली दोनो की
चाल चलन सब
बदल चुकी थी
अगल बगल से
जब वो जाते
मैं अब थोड़ा
सम्हल रही थी
मिलने की फरियाद
हुई तो खुशी से
झूम के उछल पड़ी
आती हूं मम्मी
कह कर मैं
घर से अपने
निकल पड़ी
कुछ ही दूरी
पर उसकी
वो काली
रंग की कार
खड़ी
मिला अकेले
साथ था उसका
दामन थाम रही
थी जिसका
उंगली फेरा
बालों में
और जिक्र किया
होंठों के किश का
दोनो जा पहुंचे
थे होटल
उसने जो भी
पिया, पिलाया
होश नही था
क्या क्या खाया
आंख खुली तो
क्या कुछ पाया
भाड़ में गई
पढ़ाई उस दिन
भाड़ में गया
सुनहरा जॉब
आँख खुली तो
खुद को देखा
बिखरे पड़े थे
सारे ख़्वाब।।
#ख्वाबोंकीदुनिया
© संग
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