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"माँ, तू तो, माँ है" (Mother's Day 12 May'24)
ASHOK HARENDRA © 2024
into.the.imagination
§§
"माँ"
🧑🍼
"देखी मैंने दुनिया सारी, तेरे जैसा कोई नहीं,
माँ तू तो माँ है ऐसी, तेरी मैं क्या बात करूँ,
जब-जब मैं रोया, लाड ने तेरे हँसाया है,
तेरे सच्चे प्यार पर, ये जीवन कुर्बान करूँ,
माँगी रोटी एक मैंने, कहती मुझको भूख नहीं,
छोड़ा अपना निवाला तूने, जो मैं ना भूखा रहूँ,
सावन बरसा घुमड़-घुमड़, टपकी सारी छत झरी,
खुद ने झेली रात भीगी, ताकि मैं सूखा रहूँ,
तौली जो ममता तेरी, हल्की मेरी दौलत लगी,
कर्ज तो ऐसा है तेरा, मैं ना कभी चुका सकूँ,
माँ तू तो माँ है ऐसी, तेरी मैं क्या बात करूँ,"
🧑🍼
(Picture taken from electriclight)
.•°•°•.
Click link below to read more!
#treasure_of_literature
into.the.imagination
§§
"माँ"
🧑🍼
"देखी मैंने दुनिया सारी, तेरे जैसा कोई नहीं,
माँ तू तो माँ है ऐसी, तेरी मैं क्या बात करूँ,
जब-जब मैं रोया, लाड ने तेरे हँसाया है,
तेरे सच्चे प्यार पर, ये जीवन कुर्बान करूँ,
माँगी रोटी एक मैंने, कहती मुझको भूख नहीं,
छोड़ा अपना निवाला तूने, जो मैं ना भूखा रहूँ,
सावन बरसा घुमड़-घुमड़, टपकी सारी छत झरी,
खुद ने झेली रात भीगी, ताकि मैं सूखा रहूँ,
तौली जो ममता तेरी, हल्की मेरी दौलत लगी,
कर्ज तो ऐसा है तेरा, मैं ना कभी चुका सकूँ,
माँ तू तो माँ है ऐसी, तेरी मैं क्या बात करूँ,"
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