...

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यहीं है...
यहीं स्वर्ग है नर्क यहीं है,
जीवन का भी अर्थ यहीं है।
सफलता का आधार यहीं है,
भगवद्गीता का सार यहीं है।
होना मानव- उद्धार यहीं है;
कर्मानुसार फल पाना है,
सृष्टि ने मर्म ये जाना है।
बाकी मिथ्या है माया है,
सब काल, कर्म की छाया है।
धर्म- अधर्म सबका परिणाम,
मानव ने यहीं पर पाया है।
समय सब वापस लाता है,
सच है, इतिहास दोहराता है।
कर्म नहीं कुछ भुलाता है।
किया कर्म समर्थ वही है,
कर्म हुआ कभी व्यर्थ नही है।
होता उत्कर्ष- अपकर्ष यहीं है,
निकले सबका निष्कर्ष यहीं है,
यहीं वेदना, हर्ष यहीं है।
यहीं स्वर्ग है नर्क यहीं है,
जीवन का भी अर्थ यहीं है।
© metaphor muse twinkle