...

0 views

चींटी और मोर की कहानी🦚🦚🦚🐜🐜🐜🐜
एक बार की बात है मोर मोरनी दोनो बात करते है हम दोनों अपने मोर के झुंड में चलते है सब साथ मिलकर रहेंगे

तभी मोर बोला नही हम सब एक साथ नही रह पाएंगे क्योंकि बहुत झगड़ा होता है

हम दोनो कहीं दूर जंगल में चलते है और घिमेनेगे खायेंगे साथ रहेंगे

मोरनी मान जाती है और दोनो जंगल में बहुत दूर आ जाते है

तभी उनको राजमेहल दिखता है 🏯🏯🏯🏯🏯
वो राजा को खाना खाता देखते है तभी राजा की थाली से कुछ दाने चावल के गिर जाते है 🍚🍚🍚🍚

और उस चावल के दाने को उठाकर चींटी ले जाती है 🐜🐜🐜🐜🐜🐜🐜

तभी एक बड़ा चीटां उसके रास्ते में खड़े हो कर🐜🐜🐜🐜

बोलता है ये दाना मुझे देदो तुम दूसरा दाना उनकी थाली से ले आओ 🐜🐜🐜🐜🐜

तभी चींटी बोली नही अब में दुबारा नही जाऊंगी
नही तो राजा मुझे मार देगा🐜🐜🐜🐜🐜🐜

तभी राजा उनकी बात सुन कर हसने लगा तभी चीटें नजर राजा पे पड़ती है और वो समझ जाता है की राजा हमारी बात सुन सकता है समझ सकता है 🐜🐜🐜🐜🐜🐜🐜

लेकिन राजा ने किसी को कुछ बताया तो राजा पत्थर का हो जायेगा राजा ने भी ये सुन लिया की अगर वो किसी को कुछ बताएगा वो पत्थर का हो जायेगा 🥺🥺🥺🥺🥺🥺

रानी ने पूछा तुम हंस रहे हो राजा बोला कुछ नही
रानी बोली जरूर कोई बात है बताई राजा बोला कुछ नही रानी बोली तुम मुझसे प्यार नही करते तो तुम्हे बता नही रहे

राजा बोला रानी अगर मेने तुमको बता दिया तो तुम बहुत पछताओगी तो रानी बोली जरूर कोई बड़ी बात है अब तो बता दो मुझे सुनना चाहती हूं

राजा बोला ठीक है टीम बर्बाद हो जाएगी
रानी फिर भी नही मानी और पूछने लगी

राजा बोला फिर कहीं दूर जंगल में चलो यहां से दूर कोई भी न हो एकांत मे

वो लोग दूर जंगल में पहुंच गए

राजा धीरे धीरे सब बताने लगा और वो पत्थर का बनता गया तभी राजा बोला आधा पत्थर का हो गया हूं अभी भी मान जाओ रानी बोली थोड़ी बात को पूरी कर दो जेसे राजा की बात पूरी होती है
राजा पूरा पत्थर का हो जाता है

रानी बहुत रोती है लेकिन उसको समय रहते ही समझ जाना था वो नही समझी

तभी वहां एक जोड़ा मोर मोरनी का बैठा था वो रानी को रोता देख पूछने लगे क्या हुआ रानी ने पूरी बात बता दी रानी भी पत्थर की हो गई

अब मोर मोरनी दर गए थे की ये सोचकर इस बारे में जिसको पता होगा वो भी पत्थर का हो जायेगा
तभी मोर मोरनी जब भी चींटी को देखते उनको मरने लगते और खाने लगते

तभी चींटी ने नारायण का सहारा लिया उनसे प्रार्थना की है नारायण हमारी रक्षा करे तभी नारायण बोले तुम तुमको वरदान देता हूं

आज से तुम धरती के अंदर रहोगे और नारायण चले जाते है

फिर कुछ दिन बाद मोर उनको उनके बिल से निकलते देख उनको तुरत मार देते

चींटी दर के मारे वो भूखे प्यासे नारायण को पुकारा फिर से नारायण आए और बोले अब क्या हुआ उन्होंने अपनी पुरी कहानी सुना दी तभी

नारायण ने उनको वरदान दिया

पहले जो तुमको खायेगा उसकी चमड़ी फट जायेगी
दूसरा तुम्हारी भूख प्यास की जरूरत नही होगी तुम्हारा पेट दो हिस्सो मे बट जाएगा उनके पेट में
गांठ लगा देते है और चींटी खुश हो जाती है

तभी मोर जब अपने पे नज़र जाति है तभी रोने लगता है और नाचने लगता है और रोता है नाचता अपने पैर देख कर दुखी होता है

और मोरनी उसके आंसु उठा कर चुगती है जेसे वो अपना फर्ज निभाते है मोर रोता है मोरनी मोर के आंसू उठा कर पीती है तभी माता पार्वती और पिता महादेव देख रहे होते है और उनके प्यार को भी

उनसे पूछते है क्या हुआ मोर मोरनी पूरी कहानी सुना देते है और रोते है तभी मां पार्वती पिता महादेव उनकी ये समस्या दूर कर देते है
और उनको उस कहानी से मुक्त कर देते है

और उनको वर दान देते है मोर मोरनी का प्यार समर पान देख उनको बोलते है जो आंसु तुमने पिए है उसी से तुम गर्भ वाती हो जाओगी ये बात सुन दोनो खूब नाचे खुश हुए और जिंदगी बदल गई

इसलिए हम किसी तरह की जिद्द नहीं करनी चाहिए अंजाम तो देखा समझ गए होंगे आप🙏🙏❤️❤️❤️
© hatho ki lakiren aur kuch nhi......