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BACHPAN KA VADA
CHAPTER 23

क्लास मैं शेखर मानवी के पास आते हुए बोलता है क्या निशा तैयार हो गई चलने के लिए । मानवी अपने सीट पर बैठते हुए बोलती है हां

मान गई है। शेखर मानवी को ऐसा रूखा जवाब सुनकर बोलता है कुछ हुआ है क्या तुम आज उदास लग रही हो । मानवी शेखर को गुस्से में

बोलती है कुछ नहीं हुआ है क्या तुम यहां से प्लीज जा सकते हो। जब निशा मेरे साथ चलेगी तो मैं तुम्हे मैसेज सेंड कर दूंगी । शेखर जाते

हुए मन मैं बोलता है क्या मैने कुछ गलत बोल दिया क्या । वो इतना गुस्से मैं क्यों है जब पीछे। मुड़कर मानवी की तरफ देखता है तो मानवी

अपना बुक निकल कर पढ़ रही है । फिर वो अपना सिट पर आकर बैठ जाता हैं ।मानवी जो पढ़ने का नाटक कर रही थी वो शेखर को

देखते हुए मन मैं बोलती है मुझे माफ कर देना । तभी अमन आकर शेखर को आवाज देता है। शेखर सोच मैं बाहर आकर बोलता है हां क्या

हुआ । अमन शेखर को उदास देखते हुए बोलता है क्या हुआ है आज तुम्हे तो खुश होना चाहिए आज तुम्हारे लिए कितना अच्छा दिन है

आज तुम अपने प्यार को अपने दिल को बात बताने वाले हो । शेखर मन मैं बोलता है अमन सही बोल रहा है मुझे सब छोड़कर बस निशा

पर फोकस करना है। फिर अमन से हंसते हुए बोलता है तुम सही बोल रहे हो। तभी अमन निशा को क्लास में इंटर करते देखकर शेखर से

बोलता है देखो वहां ।शेखर जब देखता है तो निशा आ रही थी। तभी अमन शेखर से बोलता है आज निशा अच्छी लग रही है ना ।शेखर

मुस्कुराते हुए बोलता है बहुत अच्छी लग रही है ।फिर अमन से बोलता है ज्यादा उसे गुरो मत नहीं तो उसे अच्छा नहीं लगेगा ।तो शेखर को

टिस करते हुए बोलता है था निशा को अच्छा नहीं लगेगा कि तुम्हें अच्छा नहीं लगेगा अगर मैं निशा की तारीफ करूं शेखर बोलता है ऐसी

कोई बात नहीं है अमन बोलता है मेरे भाई को जलन हो रही है ।तो शेखर गुस्से में आंख दिखाते हुए उसके कंधे में हाथ थपथपाते हुए

बोलता है क्या कहा तुमने ।तो अमन डरते हुए बोलता है मैं बस मजाक कर रहा था । शेखर अमन को डरते देखकर हंसते हुए बोलता है तुम

डर क्यों रहे हो। मैं भी मजाक कर रहा हूं। अमन शेखर का हाथ हटाते हुए बोलता है मुझे ऐसा मजाक बिल्कुल नहीं पसंद है। शेखर अमन

से बोलता है तुम्हारा क्या प्लान है ।आज तुम किसके साथ वैलेंटाइन डे सेलिब्रेट करने वाले हो ।अमन बोलता है शिखा के साथ और किसके

साथ तो शेखर चौंकते हुए बोलता है क्या सीख के साथ ।तुम लोग कब से डेट कर रहे हो । अमन बोलता है असाइनमेंट के दिन से ।शेखर

बोलता है वहा भाई तुम तो हम लोग से एक कदम आगे चलाते हो ।तुम असाइनमेंट कंप्लीट करने के साथ अपना लव स्टोरी भी कंप्लीट कर

लिए। अमन बोलता है तुम्हें नहीं पता था क्या। तो शेखर बोलता है नहीं मुझे तो तुमसे पता चला। अमन बोलता है मैंरे और सीखा के बारे में

मानवी को पता था। मानवी ने तुम्हें नहीं बताया।शेखर बोलता है मानवी ने मुझे तो कुछ नहीं बताया ।वैसे भी वह मुझे ज्यादा बात नहीं करती

है ।अमन बोलता है जाने दो उसका जब मूड अच्छा होगा तब बात कर लेना ।शेखर बोलता है क्या बात करूंगा ।तो अमन बोलता है छोड़ो

कुछ नहीं। चलो हम लोग अब पढ़ाई करते हैं फिर दोनों अपने-अपने काम में बिजी हो जाते हैं ।फिर कुछ घंटे बाद सीखा मानवी से बोलता है

बहुत भूख लगी है चलो हम लोग केंटीन में चलते हैं ।मानवी शिखा से बोलती है ठीक है चलो ।तभी सीखा अमन और शेखर को आवाज देते

हुए बोलती है क्या तुमलोग केन्टिन चलोगे तभी शेखर मानवी की तरफ देखताहै कि मानवी उसे नजर अंदाज कर रही है ।तो वह अमन से

बोलता है मेरा मन नहीं है तुम चले जाओ ।तो अमन बोलता है तुम्हें कैसे छोड़कर हम तीनों जा सकते हैं ।हम साथ चलेंगे वरना हम यहीं

भूखे रहेंगेी । शेखर बोलता है लेकिन। शेखर के बात पूरा होने से पहले ही अमन शेखर का हाथ खींचते हुए शिखा से बोलता है जल्दी चलो।

शिखा मानवी से बोलती है चलो चलते हैं ।फिर चारों कैंटीन की तरफ जाने लगते हैं ।शिखा और अमन एक दूसरे का हाथ पकड़ कर क्या

खाए क्या न खाए बातें कर रहे थे और उन दोनों के पीछे शेखर और मानवी चुपचाप चल रहे थे ।शेखर मन में बोलता है क्या मैं उससे बात

करूं क्या ।फिर बोलता है नहीं करता हूं वरना फिर गुस्सा हो जाएगी। तभी मानवी किसी से टकराकर शेखर के बाहों में गिर जाती है ।शेखर

मानवी को गिरते हुए देखकर उसे कसके पकड़ लेता है ।ऐसे अचानक होने पर दोनों एक दूसरे को देखने लगते हैं। तभी सीखा पीछे मुड़कर

बोलती है अच्छा हमारे पीठ पीछे यह सब हो रहा है ।तुम दोनों जरूर सीक्रेट डेटिंग कर रहे हो ।तभी अमन शिखा के मुंह में हाथ रखकर उसे

चुप कर आता है। उधर मानवी शेखर से बोलती है अब छोड़ो भी कब तक ऐसे पकड़ोगे ।तभी शेखर अचानक छोड़ता है तो मानवी नीचे गिर

जाती है । शेखर सोक्ट होते हुए बोलता है सॉरी मैं मैं यह जान बुझ कर नहीं किया, इतना बोलकर शेखर मानवी की तरफ हाथ आगे बढ़ता

है ।मानवी शेखर का हाथ इग्नोर करके खुद से खड़ी हो जाती है और मानवी शिखा से बोलता है मैं कभी भी शेखर से डेट नहीं करूंगी चाहे

ये आखिरी इंसान क्यों ना हो इस दुनिया में ।मानवी के बात सुनकर शेखर को बहुत बुरा लगता है और मन में बोलता है मुझे मानवी की बात

सुनकर इतना बुरा क्यों लग रहा है ।वह सच ही कहा रही है वह मुझसे कभी भी डेट नहीं करेगी क्योंकि मैं उसकी बहन से प्यार करता हूं

।यह सब जानकर भी मुझे इतना बुरा क्यों लग रहा है ।फिर मानवी मन में बोलती है मैं सिर्फ अपने बचपन वाले शेखर से प्यार करती हूं जो

मेरी कभी नहीं हो सकता ।तभी अमन बोलता है शिखा मजाक कर रही है चलो जल्दी से बहुत भूख लगा है ।इतना बोलते ही अमन शिखा

का हाथ पकड़ कर केन्टिन की तरफ जाने लगता है ।तभी सीखा अमन से धीरे से बोलती है मैंने कुछ गलत बोल दिया क्या ।तो अमन मन में

बोलता है गलत नहीं बहुत ज्यादा गलत बोल दिया है ,लेकिन मैं तुम्हें वजह नहीं बता सकता ।क्योंकि मैंने शेखर से वादा किया है ।शिखा

अमन का हाथ खींचते हुए बोलती है कहा खो गए मैंने कुछ पूछा है ना।अमन शिखा से बोलता है मुझे भी नहीं पता फिर बात घूमते हुए

बोलता है आज हम लोग डेट पर चले ।सीखा खुश होते हुए बोलती है जरूर फिर दोनों ऐसे ही हंसते हुए कैंटीन की तरफ जाने लगते हैं ।

फिर चारों केन्टिन में पहुंचते ही खाना का ऑर्डर करके । फिर एक टेबल पर जाकर चारों बैठ जाते हैं। तभी मानवी शिखा से बोलते आई एम

सॉरी। सीखा मानवी से बोलती है किस लिए तुम मुझसे माफी मांग रही हो ।तो मानवी बोलती है वह मैंने उसे टाइम तुम पर ज्यादा ही चिला

दिया था ना इसलिए। सीखा हंसते हुए बोलती है क्या हुआ तुमने मुझ पर चिल्लाई एक दोस्त ही तो दूसरे दोस्त पर चिला सकता है इसलिए

तुम्हें माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है।मानवी कुछ बोलने ही जाती है तभी अमन सभी से बोलता है जिसका इंतजार था वह आ गया है ।

सभी कमफयुज होते हुए पूछते हैं कौन आ गया। तो अमन बोलता है खाना और क्या। अमन का बात सुनकर सब हंसने लगते हैं ।तभी खाना

आ जाता है सभी मिलाकर खाना खाने लगते हैं। तभी मानवी खाना-खाते हुए शेखर को देखती है और मन में बोलती है मैंने आज इसको

बहुत ज्यादा ही बोल दिया है मुझे उससे माफी मांग लेना चाहिए ।फिर खुद को समझाते हुए बोलती हैं नहीं कोई जरूरत नहीं है ।उसे कहां

कुछ फर्क पड़ता है ।मैं ही ज्यादा ही सोच रही हूं। फिर अमन सबसे बोलता है पता है आज जल्दी ही छुट्टी होने वाला है मैं टीचर को बात

करते हुए सुना है ।यह सुनकर तीनों खुश हो जाते हैं ।फिर अमन शिखा से बोलता है कॉलेज की छुट्टी होने पर हम लोग डेट पर चलेंगे ।सीखा

मुस्कुराते हुए बोलते जरूर चलेंगे । दोनों को लवी देवी देखकर मानवी और शेखर को ऑकवड महसूस होने लगता है। फिर चारों खाना खाने

के बाद क्लास की तरफ जाने लगते हैं। तभी शेखर मानवी को रोकते हुए बोलता है मुझे तुमसे कुछ बात करनी है ।मानवी शेखर का बात

काटते हुए बोलती है मुझे पता है तुम्हें क्या बात करनी है। तुम चिंता ना करो मैं निशा को टाइम पर लेकर आ जाऊंगी ।इतना बोलकर वह

शेखर से आगे जाने लगती है। शेखर मानवी को जाते देखकर मन में बोलता है मुझे तो तुम्हारी चिंता थी इसलिए मैं तुमसे बातकरना चाहता

था ।फिर सभी क्लास में पहुंचकर अपना-अपना सीट पर आकर बैठ जाते हैं। कुछ देर बाद टीचर क्लास में इंटर करते हुए बोलते हैं आज

आप लोगों का जल्दी ही क्लास खत्म हो जाएगा। इसलिए आप लोग शांत होकर पढ़िएगा ।तभी बच्चे खुश होकर बोलने लगते हैं यश सर....

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© Mahiwriter