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काश वो समझें
कभी कभी ऐसा कियों होता है कोई हमें समझना ही नही चाहता
लोगो को वही सुनना समझना है जो वो चाहते हैं
दिल से बुरा लगता है जब हमें किसी पे भरोसा हो की ये मेरी बातो को समझेगा पर वही इन्शान आप पे सवाल उठा देता है उस वक़्त बहोत तकलीफ होती है
कुछ लोग भी कितने अजीब होते हैं यार उनके लिए जितना भी कर लो पर वो आप को नही समझेंगे
ज़िन्दगी मे जो आपको समझें आप पर सच्चा भरोसा करें ऐसे लोग बहोत कम ही मिलते हैं

सोचो जब लोग आप पर सवाल उठा रहे हो आप को गलत समझते हैं या अपने बराबर ही नही समझते उस वक़्त अगर आपको एक इन्शान से उम्मीद हो की नही ये तो मुझे ज़रूर समझेगा और उन्हें भी बताएगा की ये कैसा है
मगर वही इन्शान सबसे पहले ही सवाल उठा दे तो?

अगर जो चीजें हम उसके लिए नही करना चाहते की ये गलत है तो वो आपके एहसास को कियों नही समझता कियों आपके फैसले की कदर नही करता



और फिर वो आपको ही गलत बोलेंगे हम कितना भी उन्हें प्यार या इज़्ज़त दे दें मगर उन्हें अगर आपको छोड़ना ही होता है तो छोड़ देते हैं

एहसास ही सब होता है मगर आप कितना भी उनके लिए कर ले अगर उनके दिल मे वो एहसास ही ना रहा तो वो कभी समझ ही नही सकता

सबर की भी एक हद होती है ना यार
अफ़सोस वो कभी समझ नही सकता की वो इन्शान किस दर्द से गुजर रहा है या कितना मुश्किल है उसके लिए सब बर्दास्त करना

© zehraan ali