...

2 views

डर 🥺🥺🥺🥺🥺
मैं कोई लेखक नहीं
मैं कोई कवि नहीं
मैं एक साधारण इंसान हूं
मैं अपनी दिल की बात या अपनी परेशानीया
किस को बताऊं कोई सुन सकें में थी परेशानी ऐसा कोई खास मेरे पास नहीं
ऊपर वाले ने मुझे एक बेटी दी है पर मैं उसे कुछ समझा पाऊं अभी उसमें इतनी समझ नहीं
केह सकु कोई दिल की बात ऐसा कोई दोस्त बना नहीं सबसे अच्छी सहेली होती है मां जैसी सहेली अब मेरे पास है नहीं
सारी दुनिया से बचाकर रखने वाला पिता मेरे पास अब है नहीं
डरती हूं दुनिया वालों से और झगड़ती हुं अपने उस भगवान से और पुछती हुं सवाल मेरे पास मेरा अपना क्यों है नहीं
पुछती हुं सवाल किया में इक इंसान नहीं या मैं तेरी संतान नहीं
मां बाप के जाने के बाद अब मेरा कोई अपना रहा डर लगता है दुनिया से कोई दुनिया में मेरा रहा नहीं
मैं कोई लेखक नहीं हूं मैं कोई कवि नहीं मैं तो बस एक इंसान हूं 🥺🥺🥺🥺✍️✍️✍️✍️🙏🏿🙏🏿🙏🏿
© hatho ki lakiren aur kuch nhi......