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"किस्मत"
शाहीन एक गरीब घर की लड़की थी। उससे बड़ी पांच बहनों में वो सबसे छोटी थी।चार बहनों का निकाह हो चुका था बस शाहीन और अन्जुमन का निकाह होना था। अन्जुमन जहां उजले रंगत की थी वहीं शाहीन गहरे रंग की थी। बाकी की सभी बहनें भी गोरी थी केवल एक शाहीन ही सांवली थी।घर में अक्सर फूफी आती तो शाहीन को देखकर कहती भ्ई हमें तो अनवर के लिए अन्जुमन ही पसंद है क्योंकि अनवर भी उजला है तो अन्जुमन ही उसके साथ जंचेगी।और फिर एक साल के भीतर ही अन्जुमन भी ब्याह कर अपने ससुराल चली गई।
शाहीन तन्हा रहती तो खुदा से पूछतीं "कि तूने मुझे क्यों सांवली रंगत दी है? क्या कभी मुझे कोई पसंद नहीं करेगा और उदास हो जाती।
एक दिन सुबह सुबह ही ताऊजी आ गये और अपनी बेटी गुलाबों के विवाह का न्योता दे गए।एक महीने बाद निकाह था अम्मी ने शाहीन के लिए हल्के नीले रंग का एक गरारा और कुर्ती सिलवाया।
जिस दिन जब निकाह वाले दिन शाहीन ने वो गरारा और कुर्ता पहना वो बहुत हसीन लग रही थी। क्योंकि बेशक शाहीन सांवली थी मगर नैन नक्श से वो किसी शहजादी से कम न थी।
निकाह के दो दिन बाद सब वापस आ गए। फिर एक सुबह खालाजान आई तो बहुत खुश लग रही थी। आते ही वो शाहीन की अम्मी से बोली अरे भई मुंह मीठा करवाओ, शाहीन के लिए एक रिश्ता आया है। अम्मी बेहद खुश हुई और पूछा किसका रिश्ता आपी?तो खाला मुस्कुराते हुए बोली मेरी ननद का बेटा चांद का। भई उसने शाहीन को निकाह में देखा था और देखते ही फिदा हो गये साहब शाहीन पर। फिर खाला आगे बोली लड़का बहुत अमीर खानदानी है शाहीन को बेहद आरामदायक जीवन मिलेगा। अम्मी की आंखों में आंसू आ गए।जिस बेटी के लिए वो इतनी परेशान रहती थी आज उसी बेटी का निकाह सबसे अमीर घर में होने जा रहा था।
और फिर छह महीने बाद शाहीन का चांद के साथ धूमधाम से निकाह हो गया और वो अपने रईस मियां के घर चली गई और शान ओ शौकत का जीवन गुजारने लगी।
रंग रूप भी कभी कभी फ़ीके हो जातें हैं किस्मत के आगे।
(समाप्त) लेखन समय- 3:16
दिनांक 27.4.24- शनिवार



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