जंगल
मैंने कहा था स्पेयर टायर चेक करवा लेना निकलने से पहले, लेकिन तुम को तो बस हर बात मज़ाक लगती है। सुदीप ने गुस्से में झुंझलाते हुए रवि से कहा। उफ्फ नेटवर्क भी नहीं है मोबाइल में और इस घने जंगल में कोई दिख भी नहीं रहा अब क्या करें रवि संदीप की बात सुनकर बोला चलो कोई बात नहीं आगे चलकर देखते हैं
क्या पता कोई हमें मदद के लिए मिल जाए रवि की बात सुनकर संदीप बोल ठीक है यह बोलकर दोनों आगे की तरफ बढ़ने लगे इतने में संदीप को किसी की आवाज आई संदीप आवाज सुनकर घबरा गया और उसने पीछे मुड़कर देखा तो वहां पर कोई नहीं था संदीप को रोका देकर रवि बोला क्या हुआ है तू रुक क्यों गया संदीप रवि को देखकर बोला तूने अभी किसी की आवाज सुनी ऐसा लगा कोई हमारे पीछे चल रहा है
संदीप की बात सुनकर रवि ने गहरी सांस ली और बोला क्यों यार फालतू में दिमाग खराब कर रहा है वैसे ही दिमाग खराब है चल यह बोलकर रवि संदीप का हाथ पड़कर आगे की तरफ बढ़ गया थोड़ी दूर जाकर रवि रुका और संदीप को देखकर बोला तू यहां पर रोक मैं अभी आता हूं संदीप रवि को जाता देख जल्दी से बोल कहां जा रहा है मैं भी चलता हूं
रवि अरे यार हल्का होने जा रहा हूं अभी आ रहा हूं यह बोलकर रवि वहां से चला गया वहीं संदीप जो डरा हुआ था क्योंकि चारों तरफ जंगल जंगल और घाना अंधेरा था
थोड़ी देर बाद रवि वहां पर आया उसने देखा संदीप वहां पर नहीं है जिसे देखकर रवि ने गहरी सांस ली और बोला मैंने कहा था इससे यही रुकना कहीं जाना मत लेकिन मेरी बात सुनी नहीं अब कहां ढूंढो उसकोे यह बोलकर रवि संदीप को चारों तरफ देखने लगा
जब थोड़ी देर बाद उसने देखा संदीप नहीं मिला तो थोड़ा घबरा गया और संदीप को आवाज देने लगा लेकिन उसको संदीप नहीं मिला जिसे देखकर रवि बहुत ज्यादा डर गया और अपने मन में बोला है सब जगह देख लिया यह कहां चला गया अगर कुछ हो गया तो
मैं क्या जवाब दूंगा इसके पापा को उन्हीं से इजाजत से मैं लेकर आया था और कहा भी था इसको सही सलामत लेकर आऊंगा अब क्या करूं यह बोलकर रवि ने अपना सर पकड़ लिया फिर एकदम से वो खड़ा हुआ और बोला नहीं मैं हर नहीं मान सकता मुझे उसको ढूंढना होगा यह बोलकर वो जंगल के अंदर आया और आवाज देने लगा
संदीप कहां है तू मैंने कहा बाहर आ देख तू मजाक कर रहा है तो यह मजाक तेरे लिए बहुत भारी पड़ेगा चुपचाप बाहर आजा लेकिन संदीप बाहर नहीं आया जिसे देखकर रवि और ज्यादा परेशान हो गया उसने अपना फोन निकाला और पुलिस को फोन करने के लिए नंबर डायल करा तो फोन नहीं लगा रवि ने गुस्से में आकर फोन जमीन पर फेंका
और बोला यहां पर नेटवर्क क्यों नहीं आ रहा है यह बोलकर उसने अपना सर पकड़ा और संदीप को ढूंढने लगा ऐसे ही ढूंढते सुबह हो गई लेकिन उसको संदीप नहीं मिला वही रोड पर एक कार आकर रुकी उसमें से दो अंधेरे उम्र के आदमी निकले
जब उन्होंने उस कार को देखा तो वो चलकर कार के पास आए और कार की विंडो में से झांककर देखा लेकिन उस कार में कोई था जिसे देखकर उन दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा
और जंगल की तरफ देखा इतने में उन लोगों को एक लड़का आता हुआ दिखा जिसे देखकर वो दोनों जल्दी से लड़के के पास आए और बोले तुम क्या रात भर इसी रोड पर रुके थे
और तुम्हें पता नहीं क्या यहां पर आना माना है फिर यहां पर क्यों आए यह जंगल खतरों से भरा है फिर भी तुम व़ो लड़का उन आदमियों की बात सुनकर बोला अंकल हमारी रात कार खराब हो गई थी और हम किसी की मदद लेने जा ही रहे थे इतने में मेरे दोस्त को वॉशरूम लगी तो वो एक साइड चल गया लेकिन पता नहीं है वो मुझे मिल नहीं रहा पूरी रात हो गई ढूंढ़ते हुए
लेकिन वो मुझे नहीं मिला कहां चला गया कुछ समझ नहीं आ रहा उस लड़के की बात सुनकर वो दोनों आदमी बोले तुम्हारा नाम क्या है लड़का मासूमियत से बोला मेरा नाम संदीप है
© All Rights Reserved
क्या पता कोई हमें मदद के लिए मिल जाए रवि की बात सुनकर संदीप बोल ठीक है यह बोलकर दोनों आगे की तरफ बढ़ने लगे इतने में संदीप को किसी की आवाज आई संदीप आवाज सुनकर घबरा गया और उसने पीछे मुड़कर देखा तो वहां पर कोई नहीं था संदीप को रोका देकर रवि बोला क्या हुआ है तू रुक क्यों गया संदीप रवि को देखकर बोला तूने अभी किसी की आवाज सुनी ऐसा लगा कोई हमारे पीछे चल रहा है
संदीप की बात सुनकर रवि ने गहरी सांस ली और बोला क्यों यार फालतू में दिमाग खराब कर रहा है वैसे ही दिमाग खराब है चल यह बोलकर रवि संदीप का हाथ पड़कर आगे की तरफ बढ़ गया थोड़ी दूर जाकर रवि रुका और संदीप को देखकर बोला तू यहां पर रोक मैं अभी आता हूं संदीप रवि को जाता देख जल्दी से बोल कहां जा रहा है मैं भी चलता हूं
रवि अरे यार हल्का होने जा रहा हूं अभी आ रहा हूं यह बोलकर रवि वहां से चला गया वहीं संदीप जो डरा हुआ था क्योंकि चारों तरफ जंगल जंगल और घाना अंधेरा था
थोड़ी देर बाद रवि वहां पर आया उसने देखा संदीप वहां पर नहीं है जिसे देखकर रवि ने गहरी सांस ली और बोला मैंने कहा था इससे यही रुकना कहीं जाना मत लेकिन मेरी बात सुनी नहीं अब कहां ढूंढो उसकोे यह बोलकर रवि संदीप को चारों तरफ देखने लगा
जब थोड़ी देर बाद उसने देखा संदीप नहीं मिला तो थोड़ा घबरा गया और संदीप को आवाज देने लगा लेकिन उसको संदीप नहीं मिला जिसे देखकर रवि बहुत ज्यादा डर गया और अपने मन में बोला है सब जगह देख लिया यह कहां चला गया अगर कुछ हो गया तो
मैं क्या जवाब दूंगा इसके पापा को उन्हीं से इजाजत से मैं लेकर आया था और कहा भी था इसको सही सलामत लेकर आऊंगा अब क्या करूं यह बोलकर रवि ने अपना सर पकड़ लिया फिर एकदम से वो खड़ा हुआ और बोला नहीं मैं हर नहीं मान सकता मुझे उसको ढूंढना होगा यह बोलकर वो जंगल के अंदर आया और आवाज देने लगा
संदीप कहां है तू मैंने कहा बाहर आ देख तू मजाक कर रहा है तो यह मजाक तेरे लिए बहुत भारी पड़ेगा चुपचाप बाहर आजा लेकिन संदीप बाहर नहीं आया जिसे देखकर रवि और ज्यादा परेशान हो गया उसने अपना फोन निकाला और पुलिस को फोन करने के लिए नंबर डायल करा तो फोन नहीं लगा रवि ने गुस्से में आकर फोन जमीन पर फेंका
और बोला यहां पर नेटवर्क क्यों नहीं आ रहा है यह बोलकर उसने अपना सर पकड़ा और संदीप को ढूंढने लगा ऐसे ही ढूंढते सुबह हो गई लेकिन उसको संदीप नहीं मिला वही रोड पर एक कार आकर रुकी उसमें से दो अंधेरे उम्र के आदमी निकले
जब उन्होंने उस कार को देखा तो वो चलकर कार के पास आए और कार की विंडो में से झांककर देखा लेकिन उस कार में कोई था जिसे देखकर उन दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा
और जंगल की तरफ देखा इतने में उन लोगों को एक लड़का आता हुआ दिखा जिसे देखकर वो दोनों जल्दी से लड़के के पास आए और बोले तुम क्या रात भर इसी रोड पर रुके थे
और तुम्हें पता नहीं क्या यहां पर आना माना है फिर यहां पर क्यों आए यह जंगल खतरों से भरा है फिर भी तुम व़ो लड़का उन आदमियों की बात सुनकर बोला अंकल हमारी रात कार खराब हो गई थी और हम किसी की मदद लेने जा ही रहे थे इतने में मेरे दोस्त को वॉशरूम लगी तो वो एक साइड चल गया लेकिन पता नहीं है वो मुझे मिल नहीं रहा पूरी रात हो गई ढूंढ़ते हुए
लेकिन वो मुझे नहीं मिला कहां चला गया कुछ समझ नहीं आ रहा उस लड़के की बात सुनकर वो दोनों आदमी बोले तुम्हारा नाम क्या है लड़का मासूमियत से बोला मेरा नाम संदीप है
© All Rights Reserved